नई दिल्ली: कठुआ मेें मासूम बच्चियोंं से की गयी हैवानियत ने न सिर्फ देश बल्कि विदेश भर में इसकी कड़े शब्दों मेें निंदा की गयी है। अब बच्चियों के बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जाएगी। सरकार यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम यानि पोस्को कानून में बदलाव करने के लिए तैयार है।
इस मामले पर जल्द ही सरकार अध्यादेश लेकर आएगी। यह फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक करीब ढाई घंटे तक दिल्ली के 7 लोक कल्याण मार्ग पर चली। इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरे से आते ही बैठक बुलाई और बच्चियों के बलात्कारियों को सख्त सजा देने के लिए कानून में बदलाव करने को हरी झंडी दे दी।
पॉक्सो एक्ट में बदलाव हो जाने के बाद 12 साल तक की उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार करने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी। जबकि 16 साल की लड़की का रेप करने वाले को सख्त सजा देने का प्रावधान किया जाएगा। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया है कि बलात्कार मामलों की तेजगति से जांच होने के साथ ही जल्द ट्रायल किया जाएगा। कानून में बदलाव करके 16 साल से कम उम्र की किशोरी के साथ बलात्कार के मामले में न्यूनतम सजा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल या आजीवन कारावास तक दी जा सकेगी।
वहीं अत्यधिक 12 उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार करने के मामले में न्यूनतम 20 साल या फिर आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। कठुआ गैंगरेप के बाद कानून में बदलाव करने की मांग उठने लगी थी। जिसे सरकार ने मान लिया है।
इससे पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था कि उनका मंत्रालय कानून में बदलाव करके बच्चियों का बलात्कार करने वालों को फांसी की सजा दिए जाने के लिए कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव भेजेगा। मंत्रिमंडल की बैठक से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका के जवाब में पत्र देकर कहा था कि वह पॉक्सो एक्ट में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।