करेल: केरला के एक क्रिश्यिन चर्च ने अपने पांच पादरियों को निलंबित कर दिया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने एक शादीशुदा महिला का कथित यौन उत्पीडऩ किया है। यह घटना तब सामने आई जब कोट्टायम जिले के थिरुवल्ला में रहने वाले महिला के पति ने इसकी शिकायत मलनकरा के ऑर्थोडॉक्स चर्च में की। उसने बताया कि उनकी पत्नी द्वारा एक पादरी के सामने की गई स्वीकारोक्ति का इस्तेमाल उसे ब्लैकमेल करने के लिए किया गया। जबकि चर्च के कानून के तहत उन बातों को गुप्त रखना चाहिए था।

चर्च के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि पादरियों को निलंबित करके जांच के आदेश दे दिए गए हैं लेकिन उन पादरियों के नाम बताने से साफ मना कर दिया। पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया है चूंकि आरोपी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं मिली है। चर्च के सूत्रों के अनुसार तीन पादरी थिरुवला के निरानाम धर्म प्रांत के हैं और एक दिल्ली तथा एक थुमपामोन धर्मप्रांत का है।
एक ऑडियो क्लिप में पति अपनी पत्नी के साथ हुई घटना के बारे में बता रहा है। यह क्लिप सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से काफी शेयर की जा रही है। थिरुवला के रहने वाले पति ने क्लिप में बताया है कि शादी से पहले एक पादरी ने उसकी पत्नी के साथ यौन दुव्र्यवहार किया था। उसने आरोप लगाया कि शादी के बाद भी पादरी ने यह दुव्र्यवहार जारी रखा।
बेटी के बापतिस्म के दौरान उसकी पत्नी ने अपनी आप.बीती दूसरे पादरी को बताई। उसकी परेशानी को सुलझाने की बजाए उसने भी यौन दुव्र्यवहार करना शुरू कर दिया। पीडि़ता के पति का कहना है कि दूसरे पादरी ने इसकी सूचना अपने साथी पादरियों को दी जिन्होंने उसकी पत्नी का कथित तौर पर शोषण करना शुरू कर दिया।
ऑडियो क्लिप में उसने सभी पादरियों को पद से हटाने की मांग की है और कहा कि वह पत्नी को और बेइज्जती से बचाने के लिए उसकी पहचान को सार्वजनिक तौर पर उजागर नहीं करना चाहता। चर्च के प्रवक्ता का कहना है कि कुछ आरोप बहुत पुराने हैं जिनकी पुष्टि करने के लिए एक गहन जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि आरोपियों के खिलाफ आरोप सही पाए जाते हैं तो चर्च इसकी शिकायत पुलिस में करेगी। सभार-अमर उजाला
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