नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद भारत के सख्ती ने रंग दिखाने लगी है। पाकिस्तान ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा और उसके चैरिटी विंग फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करने को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव बन रहा था।

पाकिस्तनी न्यूज एजेंसी को गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा गैरकानूनी करार दिए गए संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का फैसला बैठक में लिया गया।
उन्होंने कहा यह तय किया गया कि गृह मंत्रालय द्वारा जमात उद दावा और फलह ए इंसानियत फाउंडेशन को गैरकानूनी घोषित किया जाए। इससे पहले गृह मंत्रालय ने दोनों संगठनों को निगरानी सूची में रखा था। अधिकारियों के अनुसार जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे औरस्कूल, अस्पतालए एक प्रकाशन और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं। दोनों समूहों के पास करीब 50000 स्वयंसेवक और सैकड़ों की संख्या में वेतनभोगी कर्मचारी हैं।
जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि एनएससी की बैठक से पहले प्रधानमंत्री खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बैठक की जिसमें उन्होंने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर विचार.विमर्श किया।
सूत्रों के हवाले से चैनल ने बताया कि इसके बाद एनएससी बैठक के दौरान पुलवामा हमले और इसके बाद उपजी स्थिति पर चर्चा की गई। इस बैठक में सेना प्रमुख जनरल बाजवा, सेवाओं के प्रमुख, खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों, सुरक्षा अधिकारियों और वित्त, रक्षा, विदेश मामलों तथा गृह विभाग के लिए संघीय तथा राज्य मंत्रियों ने भाग लिया।
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