कानपुर : यूपी एसटीएफ ने अंतराष्टरीय वन्य जीव तस्कर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। एसटीएफ की टीम ने वन्य विभाग की टीम के साथ मिलकर कानपुर से कछुआ तस्कर पश्चिम बंगाल निवासी सलीम शेख को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 27 किलो कछुए की झिल्ली बरामद हुई है। इस झिल्ली को बांग्लादेश के रास्त विदेश भेजा जाता है और शक्तिवर्धक दवा बनायी जाती है।
एसटीएफ के एडिशन एसपी अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि कुछ समय से एसटीएफ को इस बात की सूचना मिल रही थी कि इटावा, मैनपुरी,एटा, औरैया और फुर्रखाबाद में साफ्ट शैल टरटिल की झिल्ली सुखाकर बड़े पैमाने पर उसको बेचा जा रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने छानबीन शुरू की।
छानबीन के दौरान एसएटीएफ को इस बात का पता चला कि पश्चिम बंगाल निवासी तस्कर सलीम शेख इन जिलों से भारी मात्रा में कछुओं की झिल्ली खरीदकर कानपुर से ट्रेन के रास्ते जाने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार की दोपहर कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन से आरोपी सलीम शेख को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से दो बैग में भरी 27 किलो वजन की झिल्लियां मिली। आरोपी कानपुर स्टेशन से ब्रहम्पुत्र एक्सप्रेस ट्रेन से मालदा जाने की फिराक मेें लगा था।
म्यांमार, चीन, हांगकांग और मलेशिया में है डिमांड
एसटीएफ के एडिशनल एसपी ने बताया कि भारत में कछुओं की पायी जाने वाली 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियाँ उत्तर प्रदेश में पायी जाती हैं । इनमें 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता हैै। उन्होंने बताया कि यमुना, चम्बल, गंगा, गोमती, घाघरा, गण्डक नदियों ,उनकी सहायक नदियों और तालाबों भारी संख्या में कछुए पाये जाते हैं। छानबीन के दौरान इस बात का भी पता चला है कि इन कछुओं को पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश , म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग और मलेशिया जैसे देशों में सप्लाई किया जाता है।
5 हजार मेें खरीदकर हजारों मेें जाता है बेचा
पकड़े गये आरोपी सलीम से पूछताछ में एसटीएफ को इस बात का पता चला है कि वह कछुए की कैलिपी यानि झिल्ली को पांच हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा है। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के मालदा में उसको ऊंचे दाम में बेच देता है। सलीम ने इटावा व कानपुर में मौजूद अपने नेटवर्क से जुड़े कुछ लोगों का नाम भी बताया है।