राजस्थान: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से कंडोम के विज्ञापनों के समय के निर्धारण को लेकर अब कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कंडोम के विज्ञापनों को पूरे दिन क्यों नहीं दिखाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार आज राजस्थान हाईकोर्ट में ग्लोबल एलायंस फॉर ह्यूमन राइट्स की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने इस मामले पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि गत 11 दिसंबर को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए देश के सभी टीवी चैनलों को कहा था कि कंडोम के विज्ञापन रात में 10 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे तक ही दिखाएं।
राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इसी एडवाइजर को चुनौती दी गई है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निदेशक समेत केंद्र सरकार के सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी किए हैं और उनसे कंडोम के विज्ञापनों को लेकर हाल ही में जारी की गई नई एडवाइजरी के तहत समय निर्धारण को लेकर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता ग्लोबल एलायंस फॉर ह्यूमन राइट्स की जनहित याचिका में कहा गया था कि भारत में जनसंख्या इतनी ज्यादा बढ़ रही हैए जिसके प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिए कंडोम के विज्ञापन पूरे दिन चलाए जाने में क्या हर्ज है। यदि कंडोम के विज्ञापन केवल रात में ही दिखाए जाते हैं तो लोगों में पूरी तरह से जागरुकता कैसे आएगी।
वहींं याचिका में देश में बढ़ रहे एचआईवी के बढ़ रहे मामलों का हवाला भी दिया गया हैए जिसमें कहा गया है कि कंडोम के विज्ञापन दिखाकर भी लोगों को इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरुक किया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि यदि कंडोम के विज्ञापन दिन में भी चलाए जाते हैंए तो जनसंख्या बढऩे की समस्या और एचआईवी जैसे रोग के बढऩे की समस्या को काफी हद तक रोका जा सकता है।