गाजियाबाद: यूपी के चर्चित आरुषि व हेमराज मर्डर केस चार वर्ष में गाजियाबाद के डासना जेल में रहे डॉक्टर राजेश व नूपुर तलवार ने आज जेल से रिहा हो गये। उन्होंने जेल से रिहा होने से पहले अपनी चार वर्ष की कमाई जेल को दान कर दी। जेल में रहने के दौरान यहां के मरीजों से राजेश व नूपुर तलवार ने 84000 रुपये की कमाई की थी। इसके साथ ही उन्होंने महीने में कम से कम एक बार जेल में आकर दांत के इलाज करने का वादा भी किया है।
आरुषि- हेमराज हत्याकांड के आरोप में 2013 से डासना जेल गाजियाबाद में सजा काट रहे दंत चिकित्सक दंपति राजेश एवं नूपुर तलवार ने इस दौरान जेल के अंदर मरीजों को दी गई अपनी सेवाओं का मेहनताना लेने से इनकार कर दिया है। जेल अधिकारियों ने आज उनके रिहा होने से पहले ही यह जानकारी दी। जेल अधिकारियों के मुताबिक यहां पर तलवार दंपति से जल्द से जल्द अपना उपचार कराने के लिए जेल के मरीजों में होड़ मची रहती थी।
उन्होंने बताया कि तलवार दंपति ने जेल के अंदर मरीजों की सेवाओं के लिये मिलने वाला अपना पारिश्रमिक लेने से इनकार कर दिया है। जेल अधीक्षक दधिनाथ मौर्य ने बताया कि चार वर्ष के तलवार दंपती ने करीब 84000 रुपये कमाये हैं। तलवार दंपत्ति ने जेल के अंदर डेंटल क्लिनिक का पूरा सेटअप बनाया हुआ था जहां वो दांतों की समस्या वाले सभी मरीजों को देखा करते थे।
जिसके लिए उन्हें रोज 40 रूप मेहनताना मिला करता था। राजेश तलवार जेल में 4 साल 11 दिन रहे। नूपुर तलवार ने 3 साल 11 माह 18 दिन जेल में गुजारे। कैदी नंबर 9342 राजेश तलवार को जेल में इलाज का काम दिया गया। राजेश तलवार को मरीजों के दांत के इलाज का काम दिया गया। जिसका अब तक का मेहनताना 49500 बना है। कैदी नंबर 9343 नूपुर तलवार ने जेल में महिला मरीजों का इलाज किया।
नूपुर तलवार ने जेल में बच्चों को पढ़ाने का भी काम किया। जिसका अब तक का मेहनताना 35000 बना है। जेल में 4 साल में तलवार दंपती की ओर से कमाए गए 84 हजार रुपये उन्होंने कैदियों के कल्याण के लिए जेल प्रशासन को दान कर दिए। तलवार दंपत्ति ने जेल में मेहनताना लेने से इंकार कर दिया। रिहाई के बाद भी तलवार दंपति अन्य कैदियों के इलाज के लिए हर 15 दिन में गाजियाबाद की डासना जेल जाते रहेंगे।