लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने रविवार को आशियाना इलाके में पुलिस फायरिंग में मारे गये तेंदुए को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किये हैं। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर तंज कसा है। वहीं इस पूरी घटना को लेकर जिला प्रशासन ने मजिस्टे्रटियल जांच के आदेश भी दिये हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की राजधानी में तेंदुए को मारने जाने की घटना को गैर कानूनी बताया है। कौन सा कानून कहता है कि जानवरों को पकडऩे की जगह जान से मार दिया जाये बेहोश भी तो कर सकते थे। नयी सरकार में क्या जानवरों के भी एकांउटर का चलन शुरु हो गया है।
ये गैर कानूनी है इसके जिम्मेदार बचने नहीं चाहिए। अखिलेश ने कहा कि सरकार अभी तक अपराधियों का एनकाउंटर कर रही थी अब तो जानवरों की भी हत्या करना शुरु कर दिया है। जानवर को तो बेहोश भी किया जा सकता है। पर सरकार ने यह गैर कानूनी काम भी शुरु कर दिया है।
पशु की हत्या करने वालों को बख्शना नहीं चाहिए। लखनऊ के आशियाना के औरंगाबाद इलाके में दहशत फैलाने वाले तेंदुए को पुलिस ने रविवार को फायरिंग में मार गिराया। सुबह करीब पांच बजे तेंदुआ वन विभाग का जाल फाड़कर एक घर में घुस गया। मौके पर पहुंची आशियाना पुलिस के इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह व दरोगा अबु तालिब जैदी ने तेंदुए से आमना.सामना होने पर पिस्टल से कई फायर कर दिए।
इस बीच त्रिलोकी ने तेंदुए को घर के किचन में बंद कर दिया। बाद में वन विभाग की टीम पहुंची तो उसे तेंदुए का शव मिला। पोस्टमार्टम में तेंदुए के कंधे और पीठ पर गोलियों के दो निशान मिले हैं।
गोलियां शरीर के आर.पार हो गई थीं। सोशल मीडिया पर मुद्दा गरमाया तो तेंदुए को मारकर अपनी पीठ ठोंक रही पुलिस शाम को बैकफुट पर आ गई। एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि इंस्पेक्टर को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ी।
उन्होंने मामले में डीएम को पत्र लिखकर तेंदुआ की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की संस्तुति की है। उधर पुलिस द्वारा फायरिंग की बात स्वीकार करने के बावजूद वन विभाग ने मामले में खानापूरी करते हुए अज्ञात के खिलाफ तेंदुआ को मारने का केस दर्ज करा दिया