बिहार। बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री रह चुकीं मंजू वर्मा ने आम्र्स एक्ट के एक मामले में आज मंगलवार को बेगूसराय की स्थानीय अदालत में सरेंडर कर दिया। हाल ही में बिहार पुलिस ने बेगूसराय स्थित उनके आवास की कुर्की की थी।
मंजू वर्मा बुर्के की आड़ में बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल कोर्ट पहुंची और वहां उन्होंने सरेंडर किया। कोर्ट ने उन्हें एक दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दरअसल मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के संबंध का खुलासा हुआ था। हाल ही में चंद्रशेखर वर्मा ने भी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
उल्ललेखनीय है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में 34 बच्चियों से रेप का मामला सामने आने के बाद ब्रजेश ठाकुर से समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा की नजदीकी सामने आई थी। इस खुलासे के बाद मंजू वर्मा को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पूर्व मंत्री मंजू वर्मा काफी दिनों से फरार चल रही थीं। पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के कारण लगातार किरकिरी झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में आखिरकार मंजू वर्मा पर कार्रवाई की गाज गिरा दी।
जेडीयू प्रदेश नेतृत्व वशिष्ट नारायण सिंह ने मंजू वर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था। मंजू वर्मा को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार बिहार सरकार को फटकार लगा रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम आश्चर्यचकित हैं कि एक महीने से भी अधिक समय हो गया और पुलिस पूर्व मंत्री के बारे में पता नहीं लगा पाई।
सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी और मुख्य सचिव को 27 नवंबर को उपस्थित होने के निर्देश भी दिए थे। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि डीजीपी और मुख्य सचिव स्पष्टीकरण दें कि उन्होंने मंजू वर्मा को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पुलिस ने हलफनामे में कहा है कि वह मंजू वर्मा को नहीं पकड़ पा रही है जबकि वह आम्र्स एक्ट में वॉन्डेंड है और मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मुख्य आरोपी की करीबी भी हैं।