लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने भी मंगलवार को माल एवेन्यू स्थित सरकारी बंगला खाली कर दिया। एनडी तिवारी के पीआरओ मुकेश शर्मा ने राज्य संपत्ति अधिकारी को बंगले की चाबी सौंप दी। बंगले का कब्जा देने से पहले तिवारी के प्रतिनिधि ने अफसरों को पूरे बंगले का मुआयना कराया।
तिवारी के पुत्र रोहित शेखर का कहना है कि बंगले से केवल एनडी तिवारी से जुड़े सामानों को हटाया गया है और किसी तरह की छेड़छाड़ या तोडफ़ोड़ नहीं की गई है। राजनाथ सिंहए कल्याण सिंहए मुलायम सिंहए अखिलेश यादव व मायावती पहले ही बंगला छोड़ चुके हैं। बीमारी के चलते केवल एनडी तिवारी ने ही बंगला नहीं छोड़ा था।आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री बंगला खाली कर रहे हैं।
राज्य सम्पत्ति विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से बसपा प्रमुख मायावती को मिला 13ए माल एवेन्यू और सपा प्रमुख अखिलेश यादव का 4 विक्रमादित्य मार्ग तो किसी काबीना मंत्री को मिल ही नहीं सकता है। वजह है कि इन बंगलों का क्षेत्रफल इतना है कि ये राज्य सम्पत्ति विभाग के लिए विशिष्ट श्रेणी के बंगले बन चुके हैं।
इसलिए यदि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह सपा प्रमुख के बंगले को पाने की मांग भी करते हैं तो विभाग उन्हें ये बंगला देने में असमर्थ होगा। विभाग को इसके लिए अलग से अनुमित लेनी होगी। हालांकि राज्य सम्पत्ति अधिकारी ने साफ कहा कि अभी किसी भी मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से खाली हुए बंगलों की मांग उनसे नहीं की है। मंत्रियों को केवल श्रेणी छह यानी छह कमरे वाला बंगला ही अनुमन्य है।
पहले बनाए गए नियमों में पूर्व मुख्यमंत्री भी श्रेणी छह वाले बंगले पाने के हकदार थे। अब यदि किसी बंगले में ज्यादा कमरे भी होंगे तब भी वे बंगले श्रेणी छह के ही माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा खाली किए गए बंगलों के उपयोग के बारे में सरकार की ओर से फिलहाल कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
राज्य सम्पत्ति अधिकारी योगेश शुक्ल ने कहा कि अब हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में जल्द ही वरिष्ठ कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी के 11.गौतमपल्ली स्थित सरकारी बंगले को खाली कराया जाएगा। रिजवी ने मुख्यमंत्री से छह जून को उनके बंगले पर अमेरिकी राजदूत आने और उसके बाद ईद के मौके पर मेहमान आने का आधार लेकर 20 जून तक बंगला खाली न करने का समय मांगा था।