लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती का 13 ए माल एवेन्यू स्थित सरकारी बंगला अंदर से शायद ही किसी ने कभी देखा होगा, पर शनिवार को मायावती ने इस बंगले के एक-एक हिस्से को मीडिया का दिखाया और उसको कांशीराम स्मारक घोषित करने की मांग रही। इस दौरान मायावती ने एक प्रेस वार्ता भी की और फिर हमेशा के लिए बंगले को खाली कर दिया। वहीं शनिवार को पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी पूरे परिवार के साथ अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया।
मायाती ने कहा कि भाजपा के लोग कैराना में अपनी हार को छिपाने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर मीडिया में मेरे द्वारा बंगला न खाली करने की खबरें चलवा रहे हैं। जबकि बंगला खाली करने के लिए नोटिस में 15 दिन का समय दिया गया था। जो कि अभी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में मीडिया के लोगों को संयम बरतना चाहिए।
मायावती ने जानकारी देते हुए कहा कि ये बंगला बसपा संस्थापक कांशीराम के नाम पर स्थापित किया गया था। जिसके एक हिस्से में मैं रहती हूं वो खाली कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया के लोगों को भी बुलाया और उनसे बंगले का भ्रमण कर फोटोग्राफी करने को कहा। उन्होंने कैराना चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट करने पर जनता को धन्यवाद दिया और कहा कि अब भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
वहीं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शनिवार को पूरे परिवार के साथ 4 विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया। अखिलेश अपने परिवार के साथ वीवीआईपी गेस्ट हाउस में ठेहरे हुए है। वहीं उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी वीवीआईपी गेस्ट हाउस में रूके हैं। अखिलेश व मुलायम सिंह का विला शहीद पथ स्थित अंसल की एक हाईटेक सुसाइटी में बन रहा है, जब तक यह बंगला बनकर तैयार नहीं हो जाता है, तब तक अखिलेश और मुलायम परिवार संग वीवीआईपी गेस्ट हाउस में रूके गये।
फिलहाल मुलायम सिंह यादव दिल्ली में हैं। वहीं मायावती भी एक प्राइवेट बंगले में शिफ्ट हो गयी हैं। उन्होंने अपना बंगला तो खाली कर दिया, पर उसको कांशीराम से जुड़ कर सरकार के लिए मुश्किले जरुर खड़ी कर दी हैं।
अगर सरकार उस बंगले को किसी को आवंटित करती है तो मायावती इस कदम को दलित विरोध बताकर सरकार को घेर सकती हैं। अब देखा यह होगा कि मायावती के इस बंगला का राज्य सरकार क्या करती है। वहीं अखिलेश यादव का बंगला जल्द ही किसी को आवंटित किया जा सकता है।