नई दिल्ली: अब ट्रेन के सफर के दौरान अगर आपको नींद आ रही है तो इसके लिए थोड़ा कम समय मिलेगा। रेलवे ने नया फरमान जारी करते हुए ट्रेन में यात्रा के दौरान रात के समय सोने के समय में कटौती कर दी है।

एक सितंबर से लागू इस नए नियम के अनुसार शताब्दी और सीटिंग कोच वाली ट्रेन को छोड़कर के सभी तरह के स्लीपर और एसी फस्र्ट क्लास, एसी टू टियर व थ्री टियर कोच में रात के समय यात्रा कर रहे यात्री केवल 10 बजे से लेकर के सुबह 6 बजे तक सो सकेंगे। सुबह 6 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक सोना निषेध रहेगा।
पहले रात के 9 बजे से लेकर के सुबह 6 बजे तक यात्री अपनी सीट का इस्तेमाल सोने के लिए कर सकते थे। रेलवे के नए नियम के अनुसार कुछ यात्रियों को इस नियम में ढील दी गई है। इनमें बीमार, दिव्यांग और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं जो तय किए गए समय के बाद भी अपनी रिजर्व सीट का इस्तेमाल सोने के लिए कर सकते हैं।
रेलवे ने इसलिए सोने के समय को घटा दिया है क्योंकि इससे उन पैसेंजर्स को सबसे ज्यादा परेशानी होती थीए जो मीडिल और अपर बर्थ पर सोते थे। खासतौर पर मीडिल बर्थ वाले यात्री लोअर बर्थ पर बैठने वाले यात्री के लिए परेशानी का सबब बनते थे और हर दिन रेलवे को हजारों शिकायतें इस बात की भी मिलती थी।
कई बार विवाद इतना बढ़ जाता था कि टीटीई और अन्य स्टाफ को मसला सुलझाना पड़ता था। रेलवे का यह नियम साइड बर्थ पर यात्रा करने वालों के लिए भी लागू होगा। जिनका टिकट साइड अपर बर्थ का हैए वो यात्री भी साइड लोअर बर्थ का इस्तेमाल रात्रि 10 से सुबह 6 तक नहीं कर पाएंगे।
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