लखनऊ: लखनऊ पुलिस की कार्यशैली से सीएम योगी आदित्यनाथ नाराज हैं। उन्होंने दो अलग-अलग घटनाओं को खुद संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिये हैं। पहली घटना में आशियाना इलाके में एक युवती के पिता की तलाश में देर रात पुलिस ने दबिश के दौरान अभद्रता की। युवती ने इस बात की शिकायत पीएम से लेकर सीएम तक ट्विटर पर की। इसके बाद सीएम ने सामान्य मामलों के आरोपी व वारंटियों के घर रात में दबिश न देने का फैसला किया। वहीं इस पूरे मामले में एसपी उत्तरी को जांच का आदेश दिया गया है। दूसरी घटना में सीएम ने चेकिंग के दौरान एक युवती पर डंडा मारने वाले दो सिपाहियों को निलम्बित करने का आदेश सीएम ने दिया।
पहला मामला- आशियाना के मानसरोवर इलाके में रहने वाले अरविंद सिंह के खिलाफ कोर्ट से एनबीडब्लू जारी हुआ था। रविवार को साढ़े बारह बजे के करीब पुलिस आशियाना निवासी अरविंद सिंह के घर पहुंची। अरविंद सिंह की गैर मौजूदगी में घर में घुसने की कोशिश की लेकिन उनकी पत्नी व बेटी ने दरवाजा नहीं खोला। अमीषा का आरोप है कि इस पर पुलिसकर्मी गाली.गलौज करते हुए गेट पर चढ़ गये। अमीषा ने बताया कि वह अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाने लगी तो, एक पुलिसकर्मी ने मोबाइल फोन छीनकर रिकार्डिंग डिलीट कर दी। पीडि़ता का कहना है कि पुलिस ने बिना महिला सिपाही के घर उसके घर दबिश दी। इसके बाद पुलिस ने दबिश का कोई कारण तक नहीं बताया। अमीषा ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी पुलिस और डीजीपी सहित अन्य अफसरों से शिकायत की। अमीषा की इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए यूपी सीएम ने पूरे मामले की जांच का आदेश एसपी नार्थ अनुराग वत्स को दिया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी ने यूपी पुलिस को सिविल मामलों में देर रात दबिश नहीं देने का आदेश दिया है। सीएम ने कहा है कि जघन्य अपराध के अभियुक्त के अलावा किसी भी सामान्य क्राइम के अभियुक्त व वारंटी की गिरफ्तारी के लिए रात में दबिश नहीं दी जाएगी।
दूसरी घटना- गोमतीनगर के जनेश्वर मिश्र पार्क के पास वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने बाइक सवार रिचांन सिंह को रोकने का इशारा किया। युवक जब तक ब्रेक लगा पाता तब तक उसकी बाइक पुलिस वालों के करीब पहुंच गयी। इस पर वहां मौजूद सिपाहियों ने उस पर डंडा चला दिया। डंडा बाइक के पीछे बैठी गोमतीनगर निवासी प्रगति की नाक पर लगा और उसको गंभीर चोट लगी। इस मामले को भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लेते हुए अंकित कुमार और रोबिस कुमार सिपाहियों को निलम्बित करने का आदेश दिया। सीएम के आदेश के बाद एसएसपी ने दोनों सिपाहियों को निलम्बित कर दिया। वहीं इस पूरे मामले की जांच करने का आदेश सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्र को दिया गया है।
जो काम कप्तान को करना चाहिए वह सीएम ने किया
आमतौर पर लोगों की पुलिस विभाग संबंधित शिकायत पर संबंधित जिले के कप्तना या फिर उसके बड़े किसी अधिकारी को पीडि़त की मदद करनी चाहिए थे। पर अमीषा के मामले मेें रविवार को किये गये ट्विट पर पुलिस विभाग के किसी भी अधिकारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया। वहीं अमीषा की मदद से लोग पुलिस को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने लगे। इसके बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने खुद ही इस मामले को संज्ञान लिया और कार्रवाई का आदेश दिया। जो काम सीएम ने किया है वह काम एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार को खुद करना चाहिए था।