लखनऊ: विदेश में बैठे भारतीय को सस्ते दरों में इंटरनेशल कॉल कराने और भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचने वाले एक गैंग को राजधानी की साइबर सेल टीम ने पकड़ा है। गैंग लखनऊ में फर्जी टेलीकाम एक्सचेंज खोलने की तैयारी में था। पुलिस ने उनके पास से सिम बाक्स, वाईफाई मॉडल समेत दर्जनों बीएसएनएल के सिम कार्ड भी बरामद किए है। गैंग का मास्टर माइंड एमबीए युवक ने हैदराबाद की एक बड़े संस्थान से कंप्यूटर ग्र्रेजुएट भी है।
वह फिनीपिंस, श्रीलंका और नेपाल देशों में टेलीकाम एक्सचेंज कम्पनी में काम कर चुका है। इंटरनेशनल कॉल से न केवल इंडियन करेंसी का नुकसान बल्कि सुरक्षा को लेकर भी बड़ा खतरा है। इस मामले में एटीएस भी पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सीओ हजरतगंज अभय मिश्र ने बताया कि लखनऊ में फर्जी टेलीकाम एक्सचेंज लगाए जाने की सूचना पर साइबर सेल टीम ने पड़ताल शुरु की। टीम ने लालबाग के पास से तीन लोगों को पकड़ा गया। तलाशी में उनके पास से भारी मात्रा में मशीन व सिम कार्ड मिले।
पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम मुंबई के थाणे में रहने वाले सचिन राज, भदोही निवासी चंचल मिश्रा और वाराणसी मिर्जामुराद निवासी सुजीत सिंह बताया। उनके पास से टीम ने 5 सिम बाक्स, 3 वाईफाई मॉडल और 84 सिम कार्ड बरामद किए है। तीनों ने पूछताछ में बताया कि वह टेलीकाम एक्सचेंज लगाने के फिराक में थे। इससे पहले वह बनारस में एक्सचेंज लगाया था। कुछ दिन पहले उसे बंद कर दिया। मुंबई में भी इसी तरह का एक्सचेंज ऑपरेट करते थे। सीओ हजरतगंज ने बताया कि खाड़ी देश में रहने वाले भारतीय जब भी अपने घर कॉल करते है तो वह कॉल इंटरनेशनल कॉल मानी जाती है।
इन कॉल की दरे काफी महंगी होती है। करीब 8 रुपये प्रति मिनट की दर से चार्ज लगता है। खाड़ी देश में बैठ कुछ भारतीयों ने इंटरनेट की मदद से एप बना कर इंटरनेशनल कॉल को सीधे इंडिया में लगे उनके फर्जी टेलीकाम एक्सचेंज के सिम बाक्स पर ट्रांसफर दी जाती है। यह कंप्यूटर प्रोग्र्रामिंग के जरिए की जाती है जिसे इंटरनेशनल कॉल लोकल कॉल तब्दील हो जाती है।
विदेश में बैठे लोगों को कॉल का खर्च मात्र 50 पैसे प्रति मिनट आता है। इंटरनेट कॉल फर्जी एक्सचेंज में लगे किसी भी खाली सिमकार्ड पर लोकल कॉल की तरफ ट्रांसफर हो जाती है और इस तरह इंटरनेशनल कॉल लोकल बन जाती है। वही विदेश से की गयी कॉल विदेशी नंबर नहीं बल्कि भारतीय नंबर से आती हैण् इस तरह जालसाज मोटी रकम कमाते हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को विदेश कॉल से होने वाली आमदनी को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
सुरक्षा के लिए भी खतरा है कॉल
इंटेलिजेंस विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि इस तरह के फर्जी टेलीकाम एक्सचेंज देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैण् हवाला से लेकर संगठित अपराध के लिए इस तरह की नेटवर्क का प्रयोग किया जाता है ताकि सुरक्षा एजेंंसियां यह भी पता न लगा सके कि कॉल देश से आती है। ट्राई की गाइड लाइन में यह एक्सचेंज न होने के चलते न तो नंबर का पता चल सकता है और न ही इसका कोई रिकार्ड ही मौजूद होता हैण् आतंकी से लेकर बड़े अपराधी और हवाला कारोबार भी इस तरह के एक्सचेंज का प्रयोग कर वारदात करते है।