भारतीय रेलवे की कारगुजारी देखकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे। बार-बार गलतियां करने के बावजूद रेलवेकर्मी सबक लेने को तैयार ही नहीं है। रेल कर्मियों ने अब औरैया में हुए कैफियात एक्सप्रेस हादसे के पीड़ितों के साथ बड़ा खेल कर दिया है। पढ़िए क्या है पूरा मामला…विधान परिषद उपचुनाव: अभी भी बच सकती है योगी सरकार के ‘पांचवे मंत्री’ की कुर्सी, जानिए कैसे….
पुलिस अधीक्षक की जारी विज्ञप्ति में घायलों की संख्या
दरअसल, कैफियात एक्सप्रेस हादसे में पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी विज्ञप्ति में घायलों की संख्या 144 दिखाई गई थी। लेकिन रेलवे की माने तो यहां पीड़ितों की दिखाई गई सूची निराधार है। इसिलए रेलवे ने अपनी ओर से अलग ही सूची बना डाली।
रेलवे की सूची में सही रूप से कोई अगल घायल है तो उनकी संख्या महज 48 हैं। इसलिए केवल इन्हीं 48 घायलों को मुआवजे के दायरे में रखा गया है। बाकियों का क्या हुआ कुछ पता नहीं। भारतीय रेलवे की इस कारगुजारी को अब क्या कहेंगे…
पीड़ित दिखाए 144, मुआवजा बांटा सिर्फ 48 को
31 लोगों को गंभीर घायल मानकर 25-25 हजार रुपये दिए हैं। 17 लोगों को पांच-पांच हजार रुपये दिए हैं। मरहम पट्टी कराने के लिए अस्पताल में भर्ती घायलों को कुछ नही मिल सका।
इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि सीएमओ ने जिनके घायल की पुष्टि की है उन्हें ही मुआवजा दिया गया। कई लोग खरोंच आदि की पट्टी कराने आए थे उन्हें घायल नहीं माना जा सकता
पीड़ित दिखाए 144, मुआवजा बांटा सिर्फ 48 को
बुधवार की सुबह हादसे के बाद जिला प्रशासन ने घायलों को भर्ती कराया था। दो गंभीर घायलों को कानपुर हैलट भेजा गया था। एसपी के पीआरओ ने रात 9:45 पर एक सूची जारी करके 144 घायलों की पुष्टि की थी। रेलवे के जीएम एनसी चौहान ने गंभीर घायलों को 25-25 हजार रुपये व सामान्य घायलों को पांच पांच हजार रुपये देने की घोषणा की थी। इस पर रेलवे ने सीएमओ की पुष्टि के आधार पर मुआवजा बांटा है।
कैफियात एक्सप्रेस हादसे के तीसरे दिन शुक्रवार को भी दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक सामान्य नहीं हो सका है। तीसरे दिन भी ट्रेनें रेंगती रहीं। दो किलोमीटर के दायरे में ट्रेनें दस किलोमीटर की गति से अधिक नहीं चल सकीं। सुपरफास्ट ट्रेनों को घटनास्थल से पहले रोककर फिर धीमी गति से गुजारा गया। बुधवार की सुबह 2:50 पर कैफियत एक्सप्रेस के पलटने के बाद दिल्ली-हावड़ा ट्रैक ठप हो गया था।
ट्रेन ट्रैक क्लियर होने के बाद गुजरती ट्रेन
बुधवार को दिन-रात काम चलने पर पलटे हुए कोच हटाकर ट्रैक खाली कराया गया। इसके बाद युद्धस्तर पर काम करके रेलवे ने 28 घंटे में ट्रैक से संचालन शुरू कराया। इस पर दो मालगाड़ियों को गुजार कर कैफियात एक्सप्रेस को गुजारा गया। इसके बाद डाउन लाइन पर संचालन शुरू किया गया। गुरुवार को पूरे दिन व रात को ट्रेनों की गति दस किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं बढ़ सकी। यह हाल शुक्रवार को भी पूरे दिन रहा। पूरे दिन सभी ट्रेनें दस किलोमीटर प्रति घंटे की ही स्पीड से गुजारी गई हैं। सुपरफास्ट ट्रेनों को रोक रोककर गुजारा गया। डीआरएम एसके पंकज का क हना है कि अगले 24 घंटे में ट्रैक पर सामान्य रुप से संचालन शुरू हो जाएगा।