वाराणसी: छात्रा के साथ छेडख़ानी के विरोध में दो दिन से चल रहा धरना प्रदर्शन शनिवार की देर रात उग्र हो गये। रात 10 बजे वीसी आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे छात्रों पर सुरक्षा गार्डों और पुलिस ने लंका गेट, महिला महाविद्यालय के सामने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें आधा दर्जन छात्रों को चोटें आईं।
इसके बाद छात्रों का गुस्सा बेकाबू हो गया। लाठीचार्ज के जवाब में छात्रों ने पथराव शुरू कर दिया। इससे कुछ सुरक्षा गार्ड भी घायल हो गए। रात 12.15 बजे हॉस्टल से ताबड़तोड़ 8 पेट्रोल बम फेंके गए। हॉस्पिटल में घुसकर पथराव किया इससे मरीजों.तीमारदारों में भगदड़ मच गई।
लंका चौराहे पर पुलिस कर्मियों को छात्रों ने दौड़ाया। सिंहद्वार के बाहर खड़ी मोटरसाइकिलों को आग लगा दीए पुलिस बूथ उखाड़ दिया। तनाव को देखते हुए 25 सितंबर के बजाए तीन दिन पहले से ही विश्वविद्यालय में 2 अक्तूबर तक के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई। इससे पहले एलबीएस हॉस्टल के पास जहां छात्रों ने कुलपति की हठवादिता के खिलाफ पीएम मोदी की होर्डिंग्स में आग लगा दी थी। परिसर में खड़ी तीन स्कूटी भी फूंक दी।
घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे और और 18 राउंड हवाई फायरिंग भी की। छात्रों के उपद्रव के दौरान डीएम योगेश्वर राम मिश्र, एसओ लोहता समेत तीन पुलिसकर्मी, बीएचयू के तीन सुरक्षागार्ड, सात छात्र और कुछ पत्रकार घायल हो गए। गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की गई। रात करीब दस बजे तक तो सब ठीक चल रहा था लेकिन मामला वहां से बिगड़ा जब छात्र कुलपति आवास पर उनसे मांग करने गए थे।
यहां सुरक्षा गार्डों ने उन्हें भगाने के लिए लाठीचार्ज किया इसके बाद से ही गुस्सा भड़क गया। इसकी सूचना मिलते ही पास के हॉस्टलों से छात्र सड़क पर आ गए और विरोध शुरू कर दिया। एलबीएस हॉस्टल से लेकर रुईया हॉस्टल तक का सड़क छात्रों से पैक हो गया। छात्र इतने आक्रोशित थे कि पहले वहां लगे पीएम मोदी के होर्डिंग्स में आग लगाई फिर वहां गए एक सुरक्षा कर्मी की स्कूटी में आग लगा दी।
जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ ही पुलिस ने आंसू गैस का गोले छोड़े और छात्रों को भगाने के लिए हवाई फायरिंग भी की। आरोप है कि छात्रों की ओर से भी हवाई फायरिंग की गई। इस घटना के बाद पूरा कैंपस पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।
बीएफए की छात्रा के साथ बाइक सवार दो युवकों द्वारा छेडख़ानी के विरोध में मुकम्मल सुरक्षा की मांग को लेकर शुक्रवार की सुबह शुरू हुआ छात्राओं का आंदोलन शनिवार की देर रात तक जारी रहा था। छात्राओं के आक्रोश पर विश्वविद्यालय प्रशासन काबू नहीं कर सका।