राजधानी में बढ़ते डेंगू और मलेरिया के मामलों के बीच दिल्ली वालों के लिए एक और परेशान करने वाली खबर है. घरों में मच्छरों के लार्वा की ब्रीडिंग चेक करने वाले डीबीसी (डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर) वर्कर हड़ताल पर चले गए हैं.
गोरखपुर हादसा: नहीं खत्म हो रहा है मौत का सिलसिला, BRD अस्पताल में तीन दिन में 61 बच्चों ने तोड़ा दम
हड़ताल पर डीबीसी वर्कर
डीबीसी वर्करों की एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन मंगलवार 29 अगस्त से हड़ताल पर चली गई है. यूनियन के मुताबिक इस हड़ताल में तीनों नगर निगमों के डीबीसी वर्कर शामिल हैं. आपको बता दें कि दिल्ली में तीनों एमसीडी में इस वक्त लगभग 3500 डीबीसी वर्कर हैं. इसमें से नॉर्थ एमसीडी में 1450 डीबीसी वर्कर हैं, तो वहीं साउथ एमसीडी के पास 1350 डीबीसी वर्करों का स्टाफ है. इसके अलावा ईस्ट एमसीडी में 710 डीबीसी वर्कर हैं. मंगलवार को डीबीसी वर्कर एमसीडी के मुख्यालय सिविक सेंटर पहुंचे और धरना शुरू कर दिया.
वर्करों की ये है प्रमुख मांग
यूनियन के मुताबिक अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वो इस हड़ताल को भूख हड़ताल में भी बदल सकते हैं. डीबीसी वर्करों के मुताबिक उनकी 13 मांगे हैं, जिसे एमसीडी अधिकारी लंबे वक्त से अनसुना करते आ रहे हैं. कर्मचारियों की प्रमुख मांगे है कि उनको स्थाई नौकरी और पोस्ट दी जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार समान काम के लिए समान सैलरी मिले. इसके साथ ही महीने की पहली तारीख को सैलरी सुनिश्चित की जाए. इनकी मांगों में से एक अहम मांग है कि बीमार होने की सूरत में या फिर त्यौहारों पर उन्हे अवकाश भी दिया जाए. बीमार पड़ने पर इलाज के लिए मेडिकल सुविधा के साथ-साथ ईपीएफ सुविधा मिले. कर्मचारियों की मांग है कि त्यौहारों पर उन्हें बोनस भी मिले. काम के दौरान दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए कम से कम 10 लाख रुपए का बीमा कवर भी दिया जाए और अगर काम के दौरान किसी की मृत्यु हो जाए तो उनके परिजनों में से किसी एक को निगम में नौकरी भी दी जाए.
दिल्ली के लिए चिंता की बात
डीबीसी वर्करों का इस मौसम में हड़ताल पर जाना दिल्ली वालों के लिए बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि इसी मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ते हैं. डीबीसी वर्करों का काम है, घरों में जाकर मच्छरों की ब्रीडिंग को चेक करना और इसकी रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को देना. इसके आधार पर ही निगम वर्षाजनित बीमारियों से लड़ने की रणनीति तैयार करती है.
दिल्ली में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक के मौसम को डेंगू के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है क्योंकि इस दौरान बारिश के साथ उमस के कारण मच्छरों की उत्पत्ति सबसे ज्यादा होती है और इसी दौरान डीबीसी वर्करों को फील्ड पर होना चाहिए, ऐसे में उनका हड़ताल पर जाना वाकई गंभीर मसला है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features