कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सारी जानकारी अब क्लिक की दूरी पर होगी। यह व्यवस्था अगस्त 2018 से पूरी तरह से लागू किए जाने की योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को डिजिटाइज करने के क्रम में यह अगला कदम है। ईपीएफओ को डिजिटाइज किए जाने से कम से कम पांच करोड़ लोगों को फायदा होगा। लोगों को अपने प्रोविडेंट फंड के लिए बार-बार ईपीएफओ ऑफिस का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।अभी-अभी: उत्तराखंड के जंगल पर दिल्ली के पर्यटकों ने उठाया गैरकानूनी कदम….
ईपीएफओ कर्मचारी भविष्य निधि कोष, पेंशन और बीमा समेत अनेक सामाजिक सुरक्षा योजनाएं चलाता है। संस्था पहले ही ईपीएफ विथड्रॉल जैसी कई सेवाओं को ऑनलाइन कर चुकी है। ईपीएफओ द्वारा उठाए जा रहे इस कदम के बाद फॉरमल सेक्टर के कर्मचारियों के साथ उसके कर्मचारियों के लिए भी अच्छा कदम होगा।
सेंट्रल प्रोवीडेंट फंड कमिश्नर वीपी जॉय ने कहा, ‘ईपीएफओ ने एक लक्ष्य तय किया है। हमनें अगले स्वतंत्रता दिवस तक इलेक्ट्रॉनिक पेपर-फ्री संगठन बनने का निर्णय लिया है, जहां सभी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिकली (ऑनलाइन या मोबाइल हैंडसेट के जरिये) उपलब्ध कराई जाएंगी।’
ईपीएफओ की ऑनलाइन सुविधा से भ्रष्टाचार और कर्मचारियों के हो रहे उत्पीड़न एक बार ईपीएफओ पेपरलेस हो जाए उसके बाद लोगों को अपने काम के लिए ऑफिस आने की कोई जरूरत नहीं होगी इससे लोगों के समय की बचत होगी।’
ईपीएफओ के पास 10 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है और पिछले वित्त वर्ष में इसने 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। ईपीएफओ तीन योजनाएं कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 और कर्मचारी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 का संचालित करती है।