नई दिल्ली: बुधवार और गुरुवार का दिन लोगों के लिए दिक्कत से भरा हो सकता है। इसके पीछे वजह है कि देश के सभी सरकारी बैंकों और कुछ प्राइवेट बैंकों में हड़ताल रहेगी। इसकी वजह से खाताधारकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा सकता है। ये हड़ताल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हो रही है। सभी कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठ हैं।

माना जा रहा है कि करीब दस लाख कर्मचारी इस हड़ताल का हिस्सा होंगे। यह हड़ताल बुधवार को सुबह 6 बजे से ही शुरू हो गई है। इन बैंकों में जिनका अकाउंट है उनकी सैलरी आने में भी देर हो सकती है। इसके साथ ही एटीएम में पैसा नहीं मिलने के आसार भी हैं। इसके अलावा नेटबैंकिंग, आरटीजीएस, एनईएफटी की सेवाएं नहीं मिलेंगी।
बताया जाता है कि हड़ताल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ,पंजाब नैशनल बैंक,बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक, यूको बैंक सहित पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के सभी बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। खबरों के मुताबिक कुछ एटीएम के सिक्यॉरिटी गाड्र्स भी हड़ताल का हिस्सा होंगे।
बता दें कि इंडियन बैंक असोसिएशन ने वेतन बढ़तरी की मांग को ठुकरा दिया था। इसके पीछे खराब आर्थिक हालत को बताया गया था। इस वित्त वर्ष सरकारी बैंकों को बैड लोन के चलते भारी नुकसान हुआ है।
वहीं वेतन बढ़ोतरी के समर्थन में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन के संयोजक देविदास तुलजापुरकर ने कहा कि एनपी की वजह से ही बैंकों को इतना घाटा हुआ है। इसके लिए बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हैं। पिछले तीन सालों में बैंक कर्मचारियों ने मुद्रा, जनधन, नोटबंदी, अटल पेंशन योजना के दौरान काफी काम किया है। इससे वर्कलोड काफी बढ़ा है
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