गाजियाबाद: आरुषि-हेमराज हत्याकांड में हाई कोर्ट से गुरुवार को बरी होने के बाद भी डासना जेल में बंद डाक्टर राजेश तलवार व उनकी पत्नी नूपुर तलवार जेल से रिहा नहीं हो सके। यह जानकारी तलवार दंपती के वकील तनवीर मीर अहमद ने दी है। तलवार दंपती को कल हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया था। अभी जेल प्रशासन को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की सर्टीफाइट कॉपी नहीं मिली है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में धारा 437 का क्लॉज लगाया है। इसके तहत तलवार दंपती को सीबीआई स्पेशल कोर्ट में बेल बांड भरना होगा। इसकी सीमा अवधि छह माह होती है। इस बीच अगर ऊपरी अदालत में अपील नही की गई तो बांड स्वत: निरस्त माना जाएगा और तलवार दंपती पूरी तरह बरी हो जाएंगे। तलवार दंपती को एक-एक लाख रुपये और दो-दो जमानतदार पेश करने पड़ेंगे।
सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सीबीआइ कोर्ट दोनों को रिहाई आदेश जारी करेगा। कल हत्या के आरोप से बरी होने के बाद डासना जेल में बंद राजेश तलवार व उनकी नूपुर तलवार भावुक हो उठे थे। बेटी को खोने का गम और इंसाफ मिलने के भाव चेहरे पर दिखने के साथ आंखें भी छलक उठीं थीं।
जेल अधीक्षक दधिराम मौर्य ने का कहना है कि जेल प्रशासन ने भी तलवार दंपती को बरी होने की सूचना दे दी है। कल इस सूचना पर उन दोनों की आंखें छलक पड़ीं था। डॉ राजेश तलवार ने फैसले के बाद कहा कि कानून पर उन्हें हमेशा से भरोसा था। उन्हें इंसाफ मिल गया। जेल प्रशासन का कहना है कि बरी होने की प्रमाणित प्रति और सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें रिहा किया जाएगा।