लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समाजवाद को एक ढकोसला बताने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है।
अखिलेश ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि भारत के संविधान की उद्देशिका में समाजवादी शब्द संविधान की मूल भावना के रूप में दर्ज है। यूपी के मुख्यमंत्री का समाजवाद को झूठा, समाप्त और धोखा, कहना संविधान की अवमानना का गंभीर मुद्दा है।
इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए या एक सच्चे योगी की तरह पद त्याग देना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले भी समाजवाद शब्द के सहारे सपा की आलोचना कर चुके हैं। भाजपाइयों से बोले अखिलेश केंद्र में अगली सरकार आपकी नहीं होगी हमारी-उनकी दोस्ती हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधान परिषद में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सपा-बसपा समेत पूरे विपक्ष को खूब खरी-खरी सुनाई थी।
उन्होंने कहा कि समाजवाद बहुरूपिया ब्रांड हैए जो पिछली सरकार में गुंडाराज में बदल गया था। यूपी को समाजवाद नहीं रामराज्य चाहिए। लोकसभा उपचुनाव के नतीजों पर सपा का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग दूसरों की जूठन पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। सर्कस के शेर हो गए हैं।
बिना शिकार किए मिले मांस पर ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह टिप्पणी गोरखपुर व फूलपुर उपचुनाव में बसपा के सहयोग से सपा को मिली कामयाबी के संदर्भ में की।
सीएम ने कहा कि समाजवाद एक धोखा है। यह मृगतृष्णा से अधिक कुछ नहीं है। एक समय था कि बसपा और सपा सरकारें एक.दूसरे की नीतियों के तहत हुए कामों को सत्ता मिलते ही ठप कर देती थींए लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे। पुरानी औद्योगिक नीति के तहत आए निवेशकों के लिए 1400 करोड़ का बजट प्रबंध किया है। भीमराव आंबेडकर को सबसे ज्यादा सम्मान भाजपा ने ही उनसे जुड़े स्थानों पर स्मारक बनाकर दिया है।