बिहार में बाढ़ ने रेलवे को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. बाढ़ को कहर बरपाये 2 हफ्ते से ज्यादा हो गया, लेकिन अभी भी रेलवे बाढ़ की मार से उबरी नही है. यही नही, अधिकारियों की मानें तो कई रेल ट्रैक को दुरुस्त होने में महीनों लग सकते हैं.
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सबसे ज्यादा नुकसान समस्तीपुर रेल मंडल को हुआ है. समस्तीपुर और दरभंगा के बीच रेल सेवा बंद हुए 10 दिन से ज्यादा हो गए, हाय घाट पुल पर बागमती नदी का पानी ऊपर आने की वजह से रेल की आवाजाही पर रोक लगी हुई है. समस्तीपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम के मुताबिक जबतक नदी का पानी पुल के गार्डर से नीचे नही आता और पुल के बेयरिंग और पिलर की जांच नही हो जाती, तब तक रेल नही चल सकती है और जिस रफ्तार से धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है, उससे रेल चलाने की स्थिति आने में अभी कुछ और दिन लग सकते हैं.
समस्तीपुर और दरभंगा रेल लाइन ठप होने से प्रतिदिन 90 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है. नुकसान तो आम जनता का भी हो रहा है, जहां लोग रेल से 10 रुपये में पहुंच जाते थे, वहां अब 200 रुपये लग रहे हैं. काम, धंधा चौपट हो गया है. समस्तीपुर के पास पुल नंबर 1 को भी बूढ़ी गंडक के उफान की मार झेलनी पड़ रही है.
समस्तीपुर और दरभंगा के अलावा सुगौली, नरकटियागंज, गोरखपुर रेल लाइन भी बंद है. सुगौली और नरकटियागंज के बीच रेल लाइन को चलाने लायक बना दिया गया है, लेकिन नरकटियागंज और गोरखपुर ट्रैक को दुरुस्त करने में अभी 10 दिन लगेंगे.
सबसे बुरी हालत-रक्सौल सीतामढ़ी रेल लाइन की है. नेपाल की तरफ से आई बाढ़ ने इस रेल ट्रैक को बहुत नुकसान पहुंचाया. कई जगहों पर पुल बह गए है. हाल ही में यहां ब्रॉड गेज का काम पूरा हुआ था. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि इसे दुरुस्त करने में महीनों लग सकते है.
हालांकि, कटिहार रेल मंडल में मंगलवार से ट्रेन की आवाजाही शुरू हो गई, अब बंगाल और नॉर्थ ईस्ट की तरफ जाने का रास्ता 10 दिनों के बाद खुला है, जबकि अररिया और जोगबनी रेल लाइन कब ठीक होगी कहना मुश्किल है.
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