नेपाल में चल रहे बिम्स्टेक यानी ‘बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन’ सम्मेलन का शुक्रवार (31 अगस्त) को दूसरा और आखिरी दिन है. आज सदस्य देशों के नेता एक-दूसरे से मुलाकात करेंगे. बिम्स्टेक बैठक के समापन के बाद प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन करेंगे. करीब 400 लोगों के ठहरने की व्यवस्था वाली ये धर्मशाला भारत-नेपाल मैत्री का प्रतीक है. शुक्रवार दोपहर में सम्मेलन खत्म होगा. 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार भी इस बैठक में हिस्सा लिया और तमाम नेताओं से मुलाकात की थी. पीएम मोदी ने एनआरसी विवाद के बीच बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से भी मुलाकात की.
आपको बता दें कि साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की पहली नेपाल यात्रा के दौरान इसे निर्माण में मदद का एलान किया गया था. भारत ने इस धर्मशाला को बनाने के लिए 25 करोड़ रुपये की मदद की है. पीएम मोदी इससे पहले पशुपतिनाथ मंदिर 12 मई को आए थे, जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा था. पीएम मोदी शुक्रवार (31 अगस्त) जनसभा को भी संबोधत करेंगे.
क्या है बिम्सटेक?
बिम्सटेक में सात देश-बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं. शामिल देशों की कुल आबादी 1.5 अरब है, दुनिया के लिहाज से देखें तो यह 21 प्रतिशत है. इस समूह में शामिल देशों की कुल जीडीपी 2500 अरब डॉलर है. बिस्मटेक सम्मेलन दो साल बाद हो रहा है, इससे पहले भारत के गोवा में बिस्मटेक सम्मेलन का आयोजन हुआ था.
इन मुद्दों पर दिया गया जोर
इस बैठक में सदस्य देशों के बीच आतंकवाद सहित सुरक्षा के विविध आयाम, मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर अपराध, प्राकृतिक आपदा के अलावा कारोबार एवं सम्पर्क से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी और आपसी सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया गया.
श्रीलंका की मदद के लिए बढ़ाया हाथ
सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के साथ बैठक की थी. दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच हुई इस बैठक में भारत-श्रीलंका संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने श्रीलंका को उसकी इच्छा के अनुसार मदद करने की बात की.
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