इस साल के आईपीएल मैचों को कोरोना लील गया। दरअसल कोरोना के चलते आईपीएल के सुरक्षा इंतजामों में कुछ खामियां देखने को मिलीं जिसकी वजह से कई खिलाड़ी एक-एक कर कोरोना की चपेट में आता जा रहे थे । इसलिए आईपीएल को बीसीसीआई ने जनता व प्रशासनिक दबाव में आ कर स्थगित कर दिया। तो चलिए जानते हैं आखिर लीग में ऐसी कौन सी कमियां थी जिन्होंने कोरोना काल में आईपीएल को पोस्टपोन करने पर मजबूर कर दिया।
1. मैच खेलने के लिए खिलाड़ियों कई शहरों के लिए हवाई यात्रा करना पड़ती थी। हवाई यात्रा से इधर-उधर जाने के दौरान ही कुछ खिलाड़ी कोरोना की चपेट में आ गए। इनमें साहा, बालाजी और मिश्रा शामिल हैं। बता दें कि टीमों ने कई राज्यों में जा कर मैच खेलने के लिए प्राइवेट एक्सेस ट्रैक की मांग की थी जिसे मंजूरी नहीं दी गई थी।
2. बता दें कि आईपीएल के पिछले सीजन में बायो बबल का मैनेजमेंट का काम रेस्ट्रेटा नाम की एक कंपनी ने किया था। इस कंपनी को ट्रैकिंग डिवाइस और बायो सिक्योर सॉल्यूशंस देने में महारथ थी। बता दें कि इस साल आईपीएल में स्वदेशी बायो बबल, हाॅस्पिटल वेंडर व टेस्टिंग लैब का इस्तेमाल किया गया था जो खिलाड़ियों को संक्रमित होने से नहीं रोक सका।
3. बता दें कि खिलाड़ी हर वक्त, मैच के दौरान भी ट्रैकिंग डिवाइस एफओबी पहने रखते थे जो कि खराब निकली। ये डिवाइस चेन्नई बेस्ड एक कंपनी से खरीदी गई थी और जो खिलाड़ियों के किसी मूव को ट्रैक ही नहीं कर पाई।
4. बता दें कि बायो बबल के बाहर रहने वाले लोगों के लिए टेस्टिंग व क्वारंटीन की सुविधा पिछले आईपीएल में कुछ खास थी। इस बार ये ऐसा नहीं हुआ। ग्राउंड्समैन, होटल स्टाफ, ग्राउंड कैटरिंग, नेट बाॅलर, डीजे, ड्राइवर के टेस्टिंग की प्रक्रिया से लेकर कोई भी प्रोटोकाॅल पिछली बार की ही तरह इस बार उतना कड़ाई से फॉलो नहीं किया गया । बता दें हर बार टीम में किसी को शामिल करना, किसी खिलाड़ी को बाहर करना, इस तरह की चीजों ने कोरोना को फैलने में बढ़ावा दिया है।
5. बता दें कि मैच के दौरान टीमों को शहर व होटल भी बदलने पड़ते थे। कई मैचों के दौरान कई बार खिलाड़ियों के लिए सिर्फ रूम ही नहीं बल्कि सेफ्टी के मद्देनजर पूरा होटल की बुक कर लिया जाता था। हालांकि कई मैचों में खिलाड़ियों के आसपास के अन्य कमरों में उनके जानने वालों को रुकने दिया जाता था। वजह से कही चूक गई।
6. आईपीएल के बायो बबल की सबसे बड़ी खामी ये भी थी कि इस बार हर टीम ने अपना खुद का बायो बबल बना लिया था जिसमें उनके खिलाड़ी, स्टाफ और कुछ जरुरी मेंबर ही शामिल होते थे। पिछले इस सीजन एक सेंट्रल प्रोटोकॉल का सिस्टम नहीं था। बता दें कि कई टीमों के मैनेजमेंट ने और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने मिल कर लीग को विदेश में कराने की मांग की थी लेकिन बीसीसीआई के फैसले के आगे सभी को झुकना पड़ा और आईपीएल भारत में ही कराया गया।
—-ऋषभ वर्मा
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