वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया. बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार के मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं ने इसकी तारीफों के पुल बांधे तो वहीं विपक्षी दलों के नेताओं ने इस बजट को सिरे से खारिज कर दिया.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह क्रांतिकारी बजट है किसान को अपना अधिकार मिला है जिसके लिए वो बीते 15 साल से लड़ रहा था. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट में जो कहा गया था उसी के मुताबिक किसान को फसल की लागत से 1.5 गुना ज्यादा मूल्य मिलने जा रहा है. साथ ही जावड़ेकर ने स्वास्थ्य बीमा योजना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इस योजना से 50 करोड़ गरीब लोगों को हर साल मुफ्त में इलाज मिल सकेगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में ब्लैक बोर्ड से डिजिटल बोर्ड की स्कीम आई है, जिसके जरिए सभी को शिक्षा ही नहीं बल्कि अच्छी शिक्षा का प्रावधान किया गया है. उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को अब आठ करोड़ सिलेंडर मिलेंगे ये महिलाओं के लिए उठाया गया बड़ा कदम है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस बजट में नया कुछ नहीं है. सरकार भविष्य की योजनाओं के बारे में बता रही है जबकि मौजूदा योजनाएं विफल साबित हुईं हैं. किसानों की समस्या सुलझी नहीं है, रोजगार बेहद खराब स्तर पर है, कारोबारी परेशान हैं. इस बजट में साल 2019 के लिए कुछ नहीं है जबकि 2022 के लिए ये सभी एलान कर दिए हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी के नेता दिनेश त्रिवेदी ने इसे जुमला बजट बताया है. उन्होंने कहा कि ये 2019 के लिए चुनावी घोषणा पत्र है. उन्होंने कहा कि एअर इंडिय, ओएनजीसी के बाद अब सरकार रेलवे को भी बेचने जा रही है, ये बहुत ही डरावना है. त्रिवेदी ने कहा कि इस बजट से महंगाई बढ़ने जा रही है क्योंकि अब RBI ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने जा रही है.
बिहार के मुख्यमंत्री और बीजेपी के सहयोगी नीतीश कुमार ने कहा कि अच्छी बात है बजट में सरकार ने कृषि और हेल्थ सेक्टर का ध्यान रखा है. नीतीश ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को गरीब, गांव और शिक्षा के क्षेत्र में योजनाएं के एलान के लिए बधाई भी दी है.
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है, बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे पर कुछ भी नहीं मिला. नीतीश कुमार बताएं क्या यही उनके लिए डबल इंजन है? नीतीश कुमार की वजह से बीजेपी की केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि इस बजट में कुछ भी नहीं है, बल्कि ये सिर्फ चुनावी भाषण था. सरकार हर चीज को बेचना चाहती है इसलिए सारा पैसा बाहर से मंगा रही है. रोजगार, किसान और महिलाओं के लिए बजट में कुछ भी नहीं है.
आम आदमी पार्टी सांसद भगवंत मान ने इस पकौड़ा बजट बताया है. उन्होंने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है. मान ने कहा कि सभी योजनाओं के एलान 2022 के लिहाज से किया गया है, बीजेपी को कैसे पता कि वो 2022 तक सत्ता में रहेगा, बजट में जुमलेबाजी के अलावा कुछ भी नया नहीं है.