कानपुर की झींझक नगरपालिका चुनाव के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भतीजे पंकज कोविंद की पत्नी दीपा ने निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया है. दीपा पहले बीजेपी से टिकट मांग रही थीं, पार्टी के उम्मीदवार न बनाए जाने की वजह से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. हालांकि बीजेपी उन्हें मनाने की कोशिश में लगी है कि वो चुनावी मैदान में न उतरें. Politics: जानिए क्यों कांग्रेस ने अचानक लखनऊ मेयर प्रत्याशी बदला दिया!
उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया जारी है. सूबे की सत्ता पर बीजेपी के काबिज होने की वजह से इस बार पार्टी से टिकट की मांग सबसे ज्यादा है. कानपुर के झींझक नगरपालिका सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद झींझक के ही रहने वाले हैं. ऐसे में उनके परिवार के दो सदस्यों ने भी बीजेपी से टिकट की दावेदारी की थी. इनमें उनकी भाभी विद्यावती और भतीजे पंकज कोविंद की पत्नी दीपा कोविंद शामिल थीं.
बीजेपी ने राष्ट्रपति कोविंद के परिवार के सदस्यों की दावेदारी को नजरअंदाज करके सरोजनी देवी कोरी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. इसके बाद राष्ट्रपति के भतीजे पंकज कोविंद की पत्नी दीपा ने निर्दलीय चुनाव में उतरने का फैसला किया और उन्होंने बकायदा नामांकन पत्र भी खरीद लिया. लेकिन अभी तक उन्होंने नामांकन नहीं किया है.
दीपा 9 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की बात कह रही हैं, लेकिन बीजेपी का मनना है कि उन्हें वो मना लेंगी. पंकज ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि काफी समय पहले से वो चुनावी तैयारी में जुटे थे. झींझक के लोगों के कहने के बाद ही उनकी पत्नी दीपा ने चुनावी मैदान में निर्दलीय उतरने का फैसला किया है.
दीपा के चुनाव मैदान में उतरने से बीजेपा का सारा समीकरण बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में बीजेपी उन्हें मानने में जुटी है. बीजेपी ने इस बार के नगर निकाय चुनाव में काफी गंभीरता से उतर रही है. इस बार बीजेपी ने कई सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा है.