केंद्र की मोदी सरकार को लेकर बहरीन में राहुल गांधी की बयानबाजी पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि तीन तलाक पर कांग्रेस का स्टैंड क्या प्यार फैलाने वाला स्टैंड था या फिर नफरत फैलाने वाला स्टैंड था.
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स्वयंसेवक की मौत पर राहुल को घृणा क्यों नहीं दिखती
> जो पार्टी नारी न्याय को लेकर स्टैंड नहीं ले सकती वो विदेश में हमारी सरकार को सीख देने का काम कर रही है.
> भारत में सबसे ज्यादा समुदाय पर नफरत की राजनीति कांग्रेस पार्टी ने की है.
> संघ के स्वयंसेवक जब कर्नाटक और केरल में मारे जाते हैं तो राहुल गांधी को इसमें घृणा दिखाई क्यों नहीं देती.
> आज सड़कें अधिक बन रही हैं और इसके माध्यम से लोगों को नौकरी भी मिल रही है.
> भारत के आईटी सेक्टर में करीब 40 लाख लोग इंडायरेक्टली काम कर रहे हैं और करीब एक करोड़ 35 लाख लोग डायरेक्टली काम कर रहे हैं.
विदेश जाकर घृणा व नफरत के भाव फैला रहे राहुल
> ऐसे छोटे शहरों में बीपीओ आ रहे हैं जहां कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. इसमें बरेली, पटना और इलाहाबाद जैसे शहर शामिल हैं.
> आज कॉमन सर्विस सेंटर दो लाख 70 हजार हैं जो पहले 80 हजार थे, इसमें 10 लाख लोग काम कर रहे हैं.
> जब हमारी सरकार आई थी तो सिर्फ दो मोबाइल की फैक्ट्रियां थीं जो आज 108 हो गई हैं.
> राहुल गांधी को न काम दिखाई पड़ता है न जानने की कोशिश करते हैं और विदेश जाकर घृणा व नफरत के भाव फैलाते हैं.
‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारा लगाने वालों को मजबूत कर रहे राहुल
> कांग्रेस कर्नाटक में पीपुल्स फ्रंट की फैल रही जड़ों पर कुछ नहीं बोलती.
> कांग्रेस ने गुजरात में जातिवाद को आगे बढ़ाने की कोशिश की, और उनके कंधों से उपजे हुए उमर खालिद जैसे लोगों के साथ राहुल गांधी दिल्ली में भी बात करते हैं और महाराष्ट्र में भी बात करने की कोशिश करते हैं.
> भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह, इंशा अल्लाह के नारे लगाने वाले और उनके सहयोगियों को राहुल गांधी ने राहुल गांधी ने मजबूती दी है.
31 से कट्टरपंथियों के सामने झुक रही कांग्रेस
> शाह बानो से सायरा बानो तक कांग्रेस ने 31 साल में अगर कांग्रेस ने अपना तुष्टीकरण और कट्टरपंथियों के सामने झुकने का रवैया नहीं बदला तो ये साफ बताता है कि घृणा की राजनीति कौन करता है.
राहुल का चीन से प्यार पर सवाल
> राहुल गांधी ने बहरीन में कहा कि चीन में भारत से जल्दी काम होता है. उनका चीन से प्यार भी रोचक सवाल खड़े करता है.
> राहुल गांधी को इकोनॉमिस्ट मैगजीन के दिसंबर के अंक को पढ़ना चाहिए, जिसमें वो हर साल के लिए अपना प्रेडिक्शन बताते हैं कि दुनिया में किस देश के आर्थिक व्यवस्था में क्या होने वाला है.
> मैगजीन ने पहली बार कहा कि इंडिया एक इकॉनोमिक पावर हाउस बन रहा है और आने वाले दो वर्षों में वो चीन से आगे निकल जाएगा
> राहुल गांधी को कुछ भी बोलने से पहले होम वर्क करना चाहिए था. अगर उन्होंने जानकारी जुटाई होती तो वो भारत के बारे में विदेश में ऐसी बातें नहीं बोलते.
गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद भारत के बाहर पहली बार प्रवासी भारतीयों को अपने संबोधन में राहुल गांधी ने सरकार पर लोगों को जाति एवं धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वह बेरोजगार युवाओं के गुस्से को समाज में नफरत में बदल रही है. उन्होंने प्रवासी भारतीयों से घृणा एवं विभाजन की शक्तियों से लड़ने में मदद की अपील की.
राहुल गांधी ने यहां प्रवासी भारतीय समुदाय को यह आश्वासन दिया कि वह अगले छह महीने में नई ‘चमकती कांग्रेस पार्टी’ सामने लाएंगे जिस पर लोग विश्वास करेंगे. इस तरह उन्होंने संगठन में व्यापक बदलाव का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि देश में ‘गंभीर समस्या’ है और उन्होंने प्रवासी भारतीयों से उसे हल करने में मदद तथा नया स्वरुप प्रदान करने में भागीदार बनने की अपील की.
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