ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशिफल का हमारे जीवन में जितना महत्व होता है उतना ही महत्व हमारे भाग्य का भी होता है। राशि जो हमारे घटनाक्रमों की जानकारी देता है वहीं भाग्य हमारे कर्मों का फल भी देता है।
नक्षत्र के हिसाब से राशि का तय होता है और उस राशि के और नक्षत्र के योग से बने भाग्य भाग्य से आपके जीवन में होने वाले अच्छे और बुरे कर्मों और घटनाओं का फल भी मिलता है। आज हम आपको बताएंगे कि किस नक्षत्र में पैदा होने से किस्मत आपके दरवाजे खटखटाती है और भाग्योदय होता है-
यह आप सभी जानते होंगे कि ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र होते हैं और इन 27 नक्षत्र में से जो 17वां नक्षत्र होता है वह होता है अनुराधा नक्षत्र का। और इस नक्षत्र में अगर आप ने जन्म लिया है तो यह बेहद भाग्यशाली नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक अत्यंत सौंदर्यवान बुद्धिमान और योग्यताओं से परिपूर्ण होते हैं। और आपको यह भी बता दें कि इस नक्षत्र का जो ग्रह स्वामी हैं वह शनि देव हैं। शनि देव न्याय के देवता हैं और उन्हें न्याय अति प्रिय है। शनि देव को कर्मफल देवता भी कहा जाता है। कर्मों के हिसाब से ही शनिदेव उसका फल देते हैं और इस राशि के स्वामी शनि है तो अनुराधा नक्षत्र वाले जातकों पर शनिदेव की कृपा बरसती रहती है।
वहीं अगर जातक ने अनुराधा नक्षत्र में जन्म लिया है तो मंगल ग्रह की भी कृपा और उनका प्रभाव इस नक्षत्र के जातकों पर पड़ता है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक साहसी पराक्रमी ऊर्जावान होते हैं। इनका स्वभाव अत्यंत ही उत्साही और लगनशील होता है। इस नक्षत्र के जातकों में कला होती है कि वह अपनी बात को बहुत ही तारतम्यता और बेबाकी के साथ सामने वाले व्यक्ति के समक्ष रखते हैं। हालांकि इस राशि और नक्षत्र में पैदा हुए जातक किसी को बुरा भला कहने में भी पीछे नहीं हटते। इन्हें किसी बात को घुमा फिरा कर कहना बिल्कुल पसंद नहीं होता।
इस नक्षत्र में जन्मे जातक कम दोस्त बनाते हैं और अपने आप को सीमित रखते हैं। दोस्ती गहरी हो जाने पर यह उसका साथ भी निभाते हैं। यह काफी धार्मिक भी होते हैं और जीवन में आने वाली किसी भी बाधा को सामना करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। या यूं कहें कि यह काफी संघर्षशील होते हैं।
अनुराधा नक्षत्र में जन्मे जातकों को 9 अवश्य प्राप्त होते हैं और उसमें उन्हें सफलता भी हासिल होती है।
—-वंदना