Breaking:अब यूपी में पकड़ी गयी नकली मोबिल आयल कम्पनी, हजारों लीटर बरामद

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने नकली मोबिल आयल बनने वाली एक फैक्ट्री का भंड़ाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को मेरठ जनपद से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ को मौके से 2200 लीटर नकली मोबिल सहित काफी सामान मिला है। आरोपी लम्बे समय से नकली मोबिल बनकर बाजार में बेचने का काम करते थे।


एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार काफी दिनों से इस बात की शिकायत मिल रही थी कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई प्रतिष्ठिïत कम्पनी के नाम पर कुछ लोग नकली मोबिल आयल बनाने और उसको बाजार में सस्ते दाम में बेचने का काम कर रहे है। इस शिकायत पर एसटीएफ मेरठ को छानबीन के लिए लगाया गया।

छानबीन के दौरन एसटीएफ को जानकारी मिली कि मेरठ के टीपीनगर इलाके में रहने वाला सनी लोधी नकली मोबिल आयल को बनाने व बेचने का काम करता है। इस सूचना एसटीएफ की टीम सनी लोधी के घर पहुंची और छापेमारी की। इस दौरान वहां पर सनी और उसका एक साथी मरेठ निवासी नितिन वर्मा नकली मोबिल आयल बनाते हुए मिल गये। एसटीएफ ने दोनों को मौके से धर लिया,जबकि उनका एक साथ सुधीर कुमार गुप्ता भागने में सफल रहा।

सनी के घर से एसटीएफ को 2200 लीटर नकली मोबिल ऑयल( 10 ड्रम ), 7.5 लीटर नकली मोबिल ऑयल की 10 कैन, 5 पेटी मोबिल ऑयल, जिनमें एक लीटर मोबिल ऑयल के 20-20 डिब्बे, 2 अदद ऑयल नापने की यूनिट, 1 गैस सिलेण्डर, 1 कैन रेसोल सनब्रान्ड कलर, 1500 खाली प्लास्टिक की बोतल (एक-एक लीटर की), 1400 विभिन्न मोबिल ऑयल कम्पनियों के स्टीकर, भारी संख्या में गत्ते के विभिन्न कम्पनियों के कार्टून और 2 मशीन (प्लास्टिक के ढक्कन सील करने वाली)मिली। पूछताछ के दौरान आरोपी सनी लोधी व नितिन वर्मा ने ने बताया कि वे सुधीर गुप्ता के साथ मिलकर नकली मोबिल ऑयल बनाने का अवैध करोबार को करते है।

सुधीर गुप्ता 200-200 लीटर बेस ऑयल के लेकर आता है। इस बेस ऑयल को ड्रम से निकालकर उसको लाल रंग के साथ गर्म किया जाता है, जिससे वह मोबिल जैसा दिखायी देने लगता है। इस नकली मोबिल ऑयल को एक-एक लीटर अथवा 7.5 लीटर की बाल्टियों में भरकर उन्हें सील कर दिया जाता है तथा उन पर मोबिल ऑयल कम्पनियों के नकली स्टीकर लगा दिये जाते हैं। सुधीर गुप्ता इस नकली मोबिल ऑयल को काफी कम कीमत पर दुकानदारों को सप्लाई कर देता है। दुकानदार इस नकली मोबिल ऑयल को मार्केट रेट पर ग्राहकों को बेच देतेे हैैं। इस धन्धे में उन्हें भारी आर्थिक लाभ होता है। एसटीएफ का कहना है कि इस धंधे में जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

असली व नकली मोबिल आयल में फ्रक करना मुश्किल
आटोमोबाइल से जुड़े लोग बताते हैं कि आम आदमी मोबिल आयल का डिब्बा देखकर लेता है। उसको अंदर के मोबिल आयल के असली या नकली होने की भनक तक नहीं होती है। खोलकर देखने पर भी नकली मोबिल आयल असली जैसा ही लगता है और आम आदमी के लिए असली व नकली का फ्रक कर पाना मुश्किल है।

इंजन को खराब कर देता है नकली मोबिल आयल
नकली मोबिल आयल की ब्रिकी से जहां एक तरफ मोबिल आयल कम्पनियों को नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरह लोगों की गाड़ी का इंजन भी इससे प्रभावित होता है। मोबिल आयल के नकली होने पर उसका सबसे बुरा असर इंजन पर पड़ता है और समय से पहले ही गाड़ी का इंजन खराब होने लगा था।

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