लखनऊ। दो दिन पहले ही मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट न करने का फतवा जारी करने वाले दारुम उलूम ने कुछ महिलाओं को इस्लाम से खारिज कर दिया है। इन महिलाओं ने वाराणसी में दीपावली के दिन भगवान राम की आरती की थी, जिसको दारुम उलूम गुनाह मानता है।
दीपावली के अवसर पर वाराणसी में कुछ मुस्लिम महिलाओं के भगवान राम की आरती एवं चित्र के समक्ष दीये सजाकर पूजा करने को देवबंदी उलेमा ने इस्लाम से खारिज बताया है। इससे पहले भी कुछ महिलाओं ने राम नवमी पर भी भगवान राम के चित्र की आरती की थी।
उन्होंने महिलाओं को अल्लाह से माफी मांग पुन कलमा पढ़ इमान में दाखिल होने की हिदायत दी है। वाराणसी में एक संस्था के कार्यक्रम में नाजनीन अंसारी समेत कुछ मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में रचित श्रीराम की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ किया था।
इसी को लेकर फतवा ऑनलाइन के संस्थापक मुफ्ती अरशद फारुकी समेत अन्य उलेमा-ए-कराम ने कहा कि जिन महिलाओ ने दूसरे मजहबी अकीदे को अपनाते हुए यह सब क्रियाएं की हैं वे इस्लाम मजहब से भी खारिज हैं। इस्लाम मजहब में अल्लाह के सिवा किसी दूसरे मजहब के साथ मोहब्बत व नरमी तो बरती जा सकती है लेकिन पूजा नहीं की जा सकती है।
इसी कारण बेहतर है कि वे अपनी गलती मान दोबारा कलमा पढ़ इमान में दाखिल हों। उन्होंने कहा कि वे कलमा पढ़ लोगों को बताएं उन्होंने अपनी गलती की तौबा कर ली और जिसके बाद उन्हें माफ कर इमान में दाखिल समझा जाएगा।