लखनऊ: इटौंजा इलाके के लालपुर गांव में एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। वहीं उसके पति का शव घर से कुछ दूरी पर एक पेड़ से लटकता मिला। विवाहिता के मायके वालों का आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या की गयी है, जबकि हत्या के बाद दामाद ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
इटौंजा के लालपुर गांव निवासी शिवराम रावत के बेटे 25 वर्षीय गोविन्द का विवाह तीन साल पहले सीतापुर जिले के अटरिया इलाके के रामदीन की बेटी 22 वर्षीय रेनू से हुआ था। दोनों डेढ़ वर्ष की बेटी नंदनी है। घर के एक कमरे में पति- पत्नी बेटी के साथ रह रहे थेए जबकि बाकी के हिस्से में गोविन्द के मां-बाप और भाई रहते हैं।
बताया जा रहा है कि सोमवार की भोर में गांव के लोग जब सोकर उठे तो देखा कि आम के पेड़ से साड़ी के फंदे से गोविन्द का शव लटक रहा था। यह देख गांव के लोग गोविंद के घर खबर देने के लिए पहुंचे तो पता चला कि गोविंद की पत्नी रेनू की भी मौत हो गयी है और उसका शव घर में बिस्तर पर पड़ा है। यह बात सुन गांव के लोग सन्न रह गये। लोगों ने फौरन इस बात की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलते ही मौके पर इटौंजा पुलिस भी पहुंच गयी।
पुलिस ने रेनू की मौत की खबर उसके मायके वालों को दे दी। खबर पाकर रेनू के मायके वाले भी लालपुर गांव पहुंच गये। रेनू के मायके वालों ने आरोप लगाया कि रेनू के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं। उनका कहना है कि रेनू की हत्या के बाद उसके पति गोविंद के डर के चलते आत्महत्या कर ली। छानबीन के बाद इटौंजा पुलिस ने दोनों पति-पत्नी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सास, देवर व नंद के खिलाफ दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज
रेनू के पिता रामदीन ने बेटी की मौत के मामले में दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए गोविंद के भाई आशीष, मां
और बहन किरन के खिलाफ दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज करायी है। उनका कहना है कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले रेनू को कम दहेज के लिए प्रताडि़त करत रहते थे। एक सप्ताह पहले रेनू के देवर आशीष ने उसको पीटा भी था।
तीन दिन पहले ही मायके से लौटी थी रेनू
रेनू के घरवालों ने बताया कि देवर की पिटाई की खबर जब उन लोगों को मिली तो वह लोग रेनू को अपने साथ मायके लेकर चले गये थे। बीते 8 सितम्बर को रेनू का पति गोविंद घर आया और किसी तरह समझा-बुझाकर रेनू को अपने साथ लेकर चला गया।