नई दिल्ली: दक्षिण हिंद महासागर में गोल्डन ग्लोब रेस में भाग लेते वक्त बुरी तरह घायल हुए नौसैना अधिकारी अभिलाष टॉमी को बचा लिया गया है। उन्हें फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और भारत की नौसेना की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
कोच्चि में रहने वाले टॉमी के पिता ने बताया कि वह थका हुआ है। गोल्डन ग्लोब रेस में स्वदेश निर्मित याट एस वी थुरिया पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे कमांडर टॉमी को शुक्रवार को कमर में चोट लग गई थी जब 14 मीटर ऊंची लहरों और 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने उनके जहाज का मस्तूल पलट दिया।
बता दें कि भारतीय नौसेना के पी8आई विमान ने अभिलाष टॉमी की क्षतिग्रस्त हो चुकी नौका को देखा। इस विमान ने रविवार को तड़के मॉरीशस से उड़ान भरी थी। अभिलाष ने रविवार को फ्रांस में रेस के आयोजकों से संपर्क स्थापित कर संदेश दिया था कि वह हिल नहीं पा रहे हैं और उन्हें स्ट्रेचर चाहिए।
5 फरवरी 1979 को जन्मे कीर्ति चक्र विजेता 39 वर्षीय कमांडर अभिलाष टॉमी 2013 में उस समय राष्ट्रीय हीरो बन गए थे जब उन्होंने अकेले ही बिना रूके और बिना किसी मदद के नौका से विश्व भ्रमण किया था। यह कारनामा करने वाले वे पहले भारतीय हैं। फिलहाल टॉमी एक जुलाई से फ्रांस से शुरू हुई गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा ले रहे थे। टॉमी इस रेस में तीसरे नंबर पर थे और उन्होंने 84 दिन में 10,500 नॉटिकल माइल की दूसरी तय कर ली थी।