मैक्सिको। मैक्सिको में गुरुवार की देर रात आया भूकम्प सौ साल का सबसे भीषण भूकंप बताया जा रहा है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8. 2 मापी गई है। भूकंप के झटकों से सबसे ज्यादा दक्षिणी प्रांत ओक्साका प्रभावित हुआ है। जान गंवाने वाले 60 लोगों में से 20 इसी राज्य में मारे गए। इमारतों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।


भूकंप की तीव्रता को देखते हुए तटवर्ती इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई। भूकंप का झटका सबसे पहले स्थानीय समय के अनुसार गुरुवार रात 11रू49 बजे तटवर्ती शहर टोनाला दक्षिणी प्रांत चियापस से करीब सौ किलोमीटर दूर महसूस किया गया।
इससे पहले वर्ष 1985 में मैक्सिको में 8.1 की तीव्रता का भूकंप आया थाए जिसमें दस हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने कहा तीव्रता के लिहाज से यह पिछले सौ साल का सबसे भीषण भूकंप है। देश की 12 करोड़ की आबादी में से पांच करोड़ लोगों ने भूकंप के झटकों को महसूस किया।


नीटो ने राष्ट्रीय आपदा रोकथाम केंद्र पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। वह खुद राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। भूकंप के झटके केंद्र से करीब 800 किलोमीटर दूर मैक्सिको सिटी तक महसूस किए गए। ग्वाटेमाला में भी धरती डोली है। आधी रात को भूकंप की चेतावनी वाला सायरन सुनकर अफरातफरी मच गई।
बदहवास लोग जिस हालत में थेए उसी स्थिति में घर से बाहर भागे। प्राकृतिक आपदा से ओक्साका प्रांत में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। अकेले जुचितान शहर में 17 की जान चली गई। इमरजेंसी रिस्पांस एजेंसी के निदेशक लुईस फिलिप प्यूंटे ने कई मकान के ध्वस्त होने की जानकारी दी है।

तबास्को प्रांत के एक अस्पताल में बिजली जाने से एक बच्चे की मौत हो गई। अधिकारियों ने मरने वालों की तादाद बढऩे की आशंका जताई है। देश के 11 राज्यों में स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है।
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