लखनऊ: गोमतीनगर स्थित पर्यटन विभाग के अंदर घुसकर एक सिरफिरे आशिक ने एक तरफा प्यार में पागल होकर महिला कर्मचारी पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसके बाद आरोपी ने खुद को भी आग लगा ली। अचानक हुई इस घटना से वहां हड़कम्प मच गया। लोगों ने किसी तरह दोनों को बचाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से गंभीर रूप से झुलसी युवती को सिविल रिफर कर दिया गया। आरोपी को ट्रामा सेंटर इलाज के लिए भेजा गया है।
ठाकुरगंज इलाके में रहने वाली 45 वर्षीय सोना काल्पनिक अपने परिवार संग रहती है। उसके पति की वर्ष 1997 मे मौत हो चुकी है और उसके चार बच्चे हैं। पति की मौत के बाद मोना को पर्यटन विभाग में मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिल गयी थी। बताया जाता है कि चार पहले महिला की जान पहचान हसनगंज के खदरा निवासी 40 वर्षीय समीर नाम के एक युवक से हुई। समीर महिला से एक तरफा प्यार करने लगा। आरोपी समीर अक्सर आते-जाते महिला को परेशान करता था। महिला हमेशा समीर की इन हरकतों का विरोध करती थी।
बताया जाता है कि शुक्रवार को सोना रोज की तरह अपने दफ्तर गयी थी। सोना की ड्यूटी पर्यटन विभाग की तीसरी मंजिल पर बने लेखा विभाग में है। शाम करीब 5 बजे दफ्तर का समय खत्म हो चुका था और वहां तैनात कर्मचारी घर जाने की तैयारी कर रहे थे। इस बीच समीर वहां पहुंचा। लोगों का कहना है कि समीर और सोना के बीच कुछ बातचीत हुई और फिर विवाद शुरू हो गया। इस बीच समीर ने सोना को पकड़ लिया और पेट्रोल की बोतल निकाली सोना और खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। मौके पर मौजूद लोग मजंर देख सहम गये।
अचानक हुई इस घटना से वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गयी। लोगों ने मदद के लिए शोर मचा दिया। शोर होते ही वहां अन्य लोग भी पहुंच गये। किसी तरह लोगों ने मोना और समीर के शरीर पर लगी आग बुझायी। उधर सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गयी। घायल सोना को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं घायल समीर को लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा है।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के बाद समीर को ट्रामा सेंटर रिफर कर दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के अधिकारी भी सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और फिर घायलों से मिलने के लिए अस्पताल गये। मौके से पुलिस को घटना में प्रयोग की गयी ज्वनलशील पदार्थ की बोतल मिली है। बोतले में पेट्रोल या फिर मट्टी तेल होने की बात कही जा रही है। इस हादसे में सोना 60 प्रतिशत और समीर 50 प्रतिशत तक झुलसा है।
आरोपी को तड़पता हुआ कमरे में किया बंद
सोना और समीर को आग की लपटों में घिरा देख वहां मौजूद कर्मचारियों ने किसी तरह आग तो बुझा दी, पर आरोपी समीर को लोगों ने तड़पता हुआ एक कमरे में बंद कर दिया। वहीं सोना को अस्पताल पहुंचने के लिए कोई तैयार नहीं था। इस बीच खबर मीडिया को मिली तो मौके पर मीडिया के पहुंचने के बाद वहां मौजूद लोगों ने सबसे पहले सोना को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। कुछ ही देर में गोमतीनगर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। इसके बाद पुलिस कमरा खोलकर आरोपी समीर को कमरे से तड़पता हुआ बाहर निकाला और उसको इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया।
ट्रामा सेंटर में हुई थी दोनों की पहली मुलाकात
सोना और समीर के बारे में छानबीन और बातचीत से यह बात पता चली है कि समीर ट्रामा सेंटर में वार्ड ब्वाय है। करीब चार साल पहले सोना का भाई ट्रामा सेंटर में भर्ती था। उसका खून की आवश्यकता था। उस वक्त समीर ने सोना के भाई को खून दिलाने में उसकी मदद की थी। बस इसी के बाद समीर और सोना के बीच जान पहचान हो गयी थी। इसके बाद समीर सोना से एक तरफा प्यार करने लगा था और सोना का अक्सर पीटा करता रहता था।
दो दिन पहले भी सोना के दफ्तर पहुंचा था समीर
घायल सोना से पुलिस ने जब बातचीत की तो उसने बताया कि समीर की हरकतों की वजह से वह काफी परेशान थी। उसने कई बार समीर को समझाया भी था। दो दिन पहले भी समीर सोना के दफ्तर उससे मिलने के लिए पहुंचा था और दोनों के बीच विवाद भी हुआ था।