बसपा से अलग हुए और मायावती के बारे में एक से एक खुलासा करने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने ‘राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा’ नाम से नई राजनीतिक पार्टी बना ली है. इस महीनें की शुरुआत में नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा से लग हुए और अलग होने के बाद उन्होंने मायावती पर एक के बाद एक कई भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप लगाए.
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उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी और उनके परिवार की जान को मायावती के लोगों से खतरा है. इस संबंध में वो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले और उन्होंने अपने लिए जेड श्रेणी सुरक्षा की मांग की.
नसीमुद्दीन ने कहा, ‘मुझे ऐसी सूचना मिली है कि मायावती के आपराधिक गिरोह के लोग सक्रिय हो गए हैं और मेरे ऊपर हमला कर सकते हैं. मुख्यमंत्री तो पूरे प्रदेश के होते हैं इसलिये मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वह मेरे और मेरे परिवार की सुरक्षा का इंतजाम करें और मुझे पहले जो जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी उसे फिर से मेरी सुरक्षा के लिये दिया जाये.
नसीमुद्दीन ने मायावती द्वारा उन्हें टैपिंग ब्लैकमेलर कहे जाने पर कहा था कि यह टैपिंग का काम हमने मायावती से ही सीखा है. आपने (मायावती) बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को ब्लैकमेल कर उनका मानसिक उत्पीड़न किया और बाद में उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया. आप (मायावती) मानवता के लिये कलंक है.
पार्टी का मुस्लिम चेहरा रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी
नसीमुद्दीन सिद्दीकी बहुजन समाज पार्टी का सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा रहे हैं. बसपा की स्थापना के चार साल बाद ही 1988 में वो पार्टी से जुड़ गए थे. इसके बाद 1995 में मायावती की सरकार बनने पर वो कैबिनेट मंत्री बने. मायावती सरकार में कई बार मंत्री रहे नसीमुद्दीन फिलहाल बसपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं.
नसीमुद्दीन के बेटे अफजल सिद्दीकी ने 2017 विधानसभा चुनाव में बढ़ चढ़कर प्रचार किया. अफजल ने मुस्लिम समाज के बीच जमकर पार्टी के लिए प्रचार किया था.
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