लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के यादव के सरकारी बंगले को लेकर रार बढ़ती दिख रही है। बंगले को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप थमने का नाम नहीं ले रहा।

बंगले में हुई तोडफ़ोड़ की तस्वीरें मीडिया में आने के बाद अखिलेश यादव सरकार के निशाने पर हैं। अखिलेश यादव ने सरकारी अधिकारियों पर बदनाम करने का आरोप लगाते हुए तोडफ़ोड़ की लिस्ट देने की मांग की थी। रविवार को समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील यादव ने योगी आदित्यनाथ और सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि बंगले में तोडफ़ोड़ सीएम योगी के आदेश पर हुई है। उपचुनावों में हार से हताश मुख्यमंत्री इस मुद्दे के जरिए अखिलेश यादव की छवि जनता में खराब करना चाहते हैं।
बहीं सीएम योगी सरकार में परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बंगले में हुई तोडफ़ोड़ को सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना करार दिया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर खाली किए गए सरकारी आवास से एसी और टाइल्स को नहीं निकालना चाहिए था क्योंकि यह सरकारी संपत्ति है।
अखिलेश यादव ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी भी आक्रामक रूख अपना चुकी है। समाजवादी पार्टी ने बंगले में तोडफ़ोड़ के सभी आरोप को खारिज कर दिया है। सपा ने इस घटना को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की छवि खराब करने के लिए रची गयी एक साजिश करार दिया है।
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