महंगाई आसमान पर है और सरकार लोगों पर और कष्ट बढ़ाती दिख रही है। पिछले कुछ सालों से लगातार भविष्य की बचत पर सरकार की नजर है और उसने ब्याज दर को कम किया है। अब फिर से जानकारी मिली है कि ईपीएफओ पर सरकार ने ब्याज दर में कटौती कर दी है। इसका असर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पैसे पर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि चार दशक यानी की 40 साल में यह अब तक का सबसे कम ब्याज दर है जो लोगों को प्रभावित करेगा। आइए जानते हैं पूरी खबर।
अब 8.1 फीसद मिलेगी ब्याज दर
ईपीएफओ वह संस्था है जो नौकरीपेशा लोगों के भविष्य को देखते हुए पैसे जमा करती है और उस पर ब्याज के अनुसार रिटायरमेंट के समय पैसे लौटाती ह। लेकिन अब इसी पैसे पर कम ब्याज के कारण लोगों को नुकसान होगा। इम्पलाइज प्राविडेंट फंड यानी ईपीएफ के लिए केंद्र सरकार की ओर से ब्याज दर 8.1 फीसद की गई है। इससे पहले 2021-22 के लिए ब्याज दर 8.5 फीसद करने का फैसला लिया गया था, जो फिर से घटा दिया गया है। इससे नौकरीपेशा पांच करोड़ से अधिक लोगों पर असर पड़ेगा।
40 साल में सबसे कम ब्याज
इम्पलाइज प्राविडेंट फंड संगठन यानी ईपीएफओ की ओर से दिया जाने वाला ब्याज 40 साल में सबसे कम होगा। इससे पहले 90 के दशक में साढ़े 12 फीसद की दर से ब्याज दर था जो घटकर नौ फीसद पर आया था। अब यह घटकर और कम 8.1 फीसद पर आ गया है। पिछले दिनों ब्याज घटने की जानकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से दी गई है। बताया जा रहा है कि श्रम मंत्रालय की ओर से वित्त मंत्रालय को यह प्रस्ताव भेजा गया था जिसे मान लिया गया। इससे पहले 2018-19 में ब्याज दर 8.65 फीसद थी जिसे घटाकर 8.5 फीसद किया गया था।
GB Singh