वाराणसी: अभी तक लोग यूपी के लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए लखनऊ के पीजीआई और मुम्बई के टाटा तक चक्कर लगाना पड़ा था। अब उत्तर प्रदेश ही नहीं पूर्वोत्तर भारत के लोगों के लिए अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश का दूसरा बड़ा हॉस्पिटल महामना कैंसर संस्थान लोकार्पण से पहले ही गुरुवार को मरीजों के इलाज के लिए खोल दिया गया।
पहले चरण में ओपीडी शुरू की गई है। प्रधानमंत्री 19 फरवरी को इस संस्थान का लोकार्पण करने बनारस आने वाले हैं। मुंबई-दिल्ली के बाद अब बनारस कैंसर ट्रीटमेंट का बड़ा सेंटर बना है। इसकी पहल बनारस के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। 580 करोड़ की लागत वाला 350 बेड का महामना कैंसर संस्थान पूर्वोत्तर भारत में अपने ढंग का इकलौता हॉस्पिटल है।
10 महीने के रेकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुए इस संस्थान को इलाज के लिए खोलने के क्रम में इसके निर्माण में लगे 1800 श्रमिकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इन्हें टाटा अस्पताल में मुफ्त उपचार के लिए काशी कवच कार्ड दया गया है। इस कड़ी में शुक्रवार को पंजीयन के साथ ही कैंसर मरीजों को चिकित्सकीय सेवाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। महामना कैंसर संस्थान में अगले दो महीनों के भीतर हर तरह के कैंसर के इलाज के लिए पेडसिटी, एमआरआई, सीटी स्कैन, मेमोग्राफ्री आदि जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ओपीडी पूरे दिन चलेगी।
ओपीडी के निर्धारित समय के बाद भी मरीज आने पर उन्हें वापस नहीं लौटना होगा। लोकार्पण के साथ मरीजों की भर्ती और ऑपरेशन भी शुरू हो जाएंगे। बीएचयू के महामना कैंसर संस्थान के अलावा टीएमसी के संचालन वाले होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में कैंसर पीडि़त बच्चों और ब्लड कैंसर के इलाज संग बोनमैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलेगी। इस हॉस्पिटल में 180 बेड हैं।
बगैर लोकार्पण इस हॉस्पिटल में 6 महीने से ज्यादा समय से मरीजों का इलाज चल रहा है। बड़े शहरों के प्राइवेट हॉस्पिटल और मुंबई की टाटा हॉस्पिटल की तुलना में यहां इलाज खर्च कई गुना कम है। टाटा मेमोरियल सेंटर पूर्वांचल में कम्युनिटी बेस कैंसर रजिस्ट्री कर रहा है। इसके लिए बीएचयू में डाटा कलेक्शन सेंटर खोला गया है। टीएमसी की टीमें कैंसर के पुराने पेशेंट और जांच के जरिए पता चले संभावितों का डाटा कैंसर रजिस्ट्री तैयार कर रही हैं। इस सर्वे से पूर्वांचल में कैंसर होने के प्रमुख कारणों संग किसी खास इलाके में खास तरह के कैंसर का ज्यादा असर होने का पता चल सकेगा।