राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रेलवे टेंडर घोटाले मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के ऑफिस पहुंच गए हैं। इससे पहले लालू ने सीबीआई के सामने पेश न होकर दो हफ्ते का वक्त मांगा था। बता दें कि रेलवे के टेंडर में धांधली के आरोप का सामना लालू और तेजस्वी यादव दोनों ही कर रहे हैं। तेजस्वी को 6 अक्तूबर को पेश होना है।
दरअसल, रेलवे के होटल को लीज पर दिए जाने के बदले जमीन लेने के मामले में लालू और तेजस्वी से सीबीआई पूछताछ करना चाहती है। बता दें कि लालू यादव पर आरोप है कि रेलमंत्री रहने के दौरान उन्होंने रांची और पुरी समेत अन्य रेलवे होटलों के विकास और मरम्मत का ठेका निजी कंपनियों को दिया था, जो रेलवे के हेरिटेज होटल थे। उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए इन होटलों को अपने करीबियों को लीज पर बेच डाला था।
वहीं लालू और तेजस्वी की पेशी के चलते पार्टी ने बुधवार को आपात बैठक बुलाई। लालू की पत्नी राबड़ी देवी की अध्यक्षता में दस सर्कुलर रोड पर पार्टी के विधायकों और जिलाध्यक्षों की आपात बैठक हुई। लालू यादव और तेजस्वी की सीबीआई के सामने पेशी से एक दिन पहले पार्टी ने इस बैठक के माध्यम से अपनी एकजुटता भी दिखाई।
बुधवार को दोपहर 12 बजे शुरू हुई बैठक साढ़े तीन बजे खत्म हुई। बैठक में पार्टी की रणनीति के अलावा, विभिन्न मुद्दों को लेकर पार्टी के स्टैंड पर चर्चा हुई। बैठक में सभी विधायकों और जिलाध्यक्षों ने भाग लिया। जानकारी के अनुसार बैठक शुरू होने के साथ ही पार्टी की वर्तमान हालत पर चर्चा हुई और पार्टी के स्टैंड पर विचार विमर्श किया गया।
विधानमंडल की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि पार्टी किस तरीके से संकट के दौर से गुजर रही है और ऐसे में भविष्य को लेकर पार्टी की रणनीति क्या हो। बैठक में इस बात को लेकर भी चर्चा हुई कि अगर रेलवे टेंडर घोटाले में सीबीआई की पूछताछ के बाद लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को गिरफ्तार कर लिया जाता है तो पार्टी इसका कैसा मुकाबला करेगी।