उन्होंने आगे कहा कि हालांकि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की रिहाई वाले आदेश को सीबीआई ने चुनौती नहीं देने का निर्णय लिया है। इन वरिष्ठ अधिकारियों में गुजरात के पूर्व उप महानिदेशक डीजी वंजारा, राजस्थान के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन और गुजरात के आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन शामिल हैं।
ये सभी सोहराबुद्दीन शेख और उनके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति के फर्जी मुठभेड़ के मामले में आरोपी थे। सोहराबुद्दीन शेख के भाई रुबाबुद्दीन शेख ने न्यायाधीश रेवती मोहिते-दरे की एकल पीठ में सुनवाई के लिए एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
इस याचिका में ट्रायल कोर्ट से इन अधिकारियों की मिली रिहाई को चुनौती दी गई है। इस याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल किया है।