नई दिल्ली। CBSE अब जल्द ही अपने 2018-19 के शैक्षणिक सत्र से नई योजना लागू करने का विचार कर रहा है। बोर्ड के अनुसार, अब जल्द ही ग्यारहवीं और बारहवीं क्लास के सभी विषयों में प्रैक्टिकल पेपर्स हो सकते हैं। इससे पहले सिर्फ साइंस, कॉमर्स और सोशल साइंस के कुछ विषयों में प्रैक्टिकल पेपर्स होते आ रहे थे, लेकिन अब इंग्लिश, हिंदी, बिज़नेस स्टडीज और हिस्ट्री-जियोग्राफी जैसे विषयों में भी प्रैक्टिकल होने पर विचार किया जा रहा है।
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प्रैक्टिकल पेपर्स में स्टूडेंट्स को हो सकती है दिक्कत
बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, जैसे साइंस के विषयों में 30 नंबर का प्रैक्टिकल होता है, वैसे ही बाकि सारे विषयों में भी प्रैक्टिकल के लिए 30 नंबर का प्रैक्टिकल होगा। इस योजना के बारे में जब टीचर्स से पूछा गया तब कुछ टीचर्स इसके समर्थन में सामने आए। वहीं कुछ टीचर्स ने इसका विरोध भी किया।
जिन टीचर्स ने इस योजना का विरोध किया उनका मानना है कि इंग्लिश या हिस्ट्री-जियोग्राफी जैसे सब्जेक्ट्स में प्रैक्टिकल देने वाले स्टूडेंट्स को इससे परेशानी हो सकती है। उदाहरण के लिए पहले शिफ्ट में VIVA देने गए स्टूडेंट्स को इंग्लिश बोलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं, इसके समर्थन में सामने आए टीचर्स का कहना है कि इंग्लिश या हिस्ट्री-जियोग्राफी जैसे सब्जेक्ट्स में इसलिए प्रैक्टिकल करवाने का विचार किया जा रहा है ताकि बोर्ड यह सुनिश्चित कर सके कि स्टूडेंट्स को इन सब्जेक्ट्स के बारे में कितनी समझ है
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