केंद्र सरकार की बेटियों के लिए चलाई जाने वाली योजना सुकन्या समृद्धि सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली योजना है। इसमें लोगों ने अपनी बेटियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए खूब निवेश भी किया है। सरकार की ओर से बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए यह योजना सभी को अच्छी लगी और लोग इससे जुड़े। इसमें निवेश करने पर आयकर की धारा 80सी की तहत कुछ छूट भी दी जाती है। ऐसे में निवेश से जुड़ी कुछ बातों का जानना जरूरी है। सरकार की ओर से इसमें पिछले दिनों कुछ बदलाव किए गए हैं। आइए जानते हैं उन बदलाव के बारे में।
खास हैं ये बदलाव
जो बदलाव सरकार की ओर से किए गए हैं उनमें से कई के लिए तो काफी पहले से मांग चल रही थी। अब सुकन्या समृद्धि योजना में अगर आप खाता खोलते हैं तो उनको कभी भी बंद किया जा सकता है, लेकिन उसके लिए दो परिस्थितियां होनी चाहिए। एक, या तो पहली बेटी के न रहने पर और दूसरा अगर बेटी के रहने का पता अगर बदल दिया जाए। साथ ही खाता खोलने वाली के बीमारी को भी इसमें शामिल किया गया है। अगर अभिभावक की मौत होती है तो खाता बंद भी कर सकते हैं।
खाता खोलने के नियम भी बदले
जानकारी के मुताबिक, अभी तक योजना के तहत सिर्फ दो बेटियों का ही खाता खोल सकते थे, लेकिन अब तीसरी बेटी के लिए भी यह खाता खोल सकते हैं। दो बेटियों के लिए खाते खोलने पर 80सी के तहत आयकर में छूट का लाभ भी मिलता था लेकिन तीसरी बेटी पर यह फायदा नहीं मिलता है। अब नए नियम की मानें तो एक बेटी के बाद अगर दो जुड़वा बेटी पैदा होती है तो दोनों के लिए भी खाता खोल सकते हैं। आपको बता दें कि खाते में कम से कम 250 रुपए जमा करना होता है। अगर खाते में राशि नहीं जमा की जाएगी तो खाते को डिफाल्ट माना जाएगा। लेकिन अब डिफाल्ट खातों पर मैच्योर होने तक लागू दर के हिसाब से ब्याज मिलेगा। पहले डाक घर में बचत खाता के अनुसार ब्याज दर के हिसाब से लाभ मिलता था। अब बेटी 18 साल से पहले खाता नहीं चला सकेंगे, इससे पहले 10 साल में ही खाता चला सकती थीं।