मौजूदा समय में लोगों को दो तरह से रसोई गैस मिल रही है। एक तो गैस सिलेंडर के माध्यम से जिसके लिए लोगों को लाइन नहीं लगानी पड़ती लेकिन मशक्कत जरूर करनी होती है। इसमें लोगों को गैस सिलेंडर की बुकिंग करानी होती है फिर उनको डिलीवरी के माध्यम से या फिर खुद घर तक गैस पहुंच जाती है। दूसरा तरीका पाइप लाइन के माध्यम से गैस पहुंचाने की है लेकिन यहां हर किसी को यह सुविधा प्राप्त नहीं है क्योंकि हर घर में अभी गैस पाइप लाइन नहीं पहुंची है। लेकिन सरकार की ओर से कोशिश की जा रही है कि अगले कुछ सालों में हर घर में पाइप से गैस पहुंच जाए। क्या है यह योजना आइए जानते हैं।
98 फीसद आबादी को मिलेगी पाइप से गैस
गैस पाइप लाइन का विस्तार होता है तो देश में 82 फीसद से अधिक जमीन का उपयोग होगा और करीब 98 फीसद लोगों के यहां रसोई गैस पाइप से पहुंच जाएगी। उज्जवला योजना से अभी तक गांव में गैस सिलेंडर पहुंचाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने उठाई है। अब सरकार की ओर से गैस पाइप लाइन पर ध्यान दिया जा रहा है। राज्यसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने इसकी जानकारी दी है।
कैसे करेंगे यह काम
मंत्री की ओर से बताया गया है कि अभी भारत में कुछ हिस्सा ही भूमि का उपयोग करने के बाद कुछ फीसद आबादी को ही पाइप से गैस मिल रही है। जबकि विस्तार के बाद बड़ी आबादी को पाइप से गैस देंगे। इस काम के लिए प्रक्रिया 12 मई से शुरू हो जाएगी। बोली के माध्यम से विस्तार का काम शुरू होगा। यह 11वें दौर की बोली है। इसके बाद अगर जो दो फीसद क्षेत्र छूट रहा है उसमें पहाड़ और पूर्वोत्तर क्षेत्र ही ऐसे हैं जहां यह पाइप लाइन जाने में मुश्किल होगी बाकी पूरे देश में सप्लाइ जाएगी। यह काफी सस्ती भी पड़ेगी। गैस सिलेंडर अभी 30 करोड़ लोग उपयोग कर रहे हैं जो पहले 14 करोड़ थे। अभी आगे 1000 एलएनजी स्टेशन भी बनेंगे।
GB Singh