अगर शास्त्रों की मानें तो हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस की तिथि को काफी खास माना गया है। इन तिथियों पर न केवल पूजा होती है बल्कि कई दोषों का निवारण भी होता है और समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस बार चैत्र की अमावस्या में भी काफी अच्छा संयोग पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि इस संयोग में कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलेगी। आइए जानते हैं।
पितृ और काल सर्प दोष से मुक्ति
अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यह काफी अच्छा समय माना गया है। इसके लिए लोग तमाम तरह के उपाय भी करते हैं। लेकिन जिनको पितृ दोष है उनको किसी प्रकार की बाधा न हो इसके लिए कुछ उपाय करने चाहिए। क्योंकि दोष से मुक्ति न मिलने पर प्रगति के मार्ग में बाधा आती है। साथ ही संतान सुख भी नहीं मिलता है। इसलिए इस दिन दो दोष से मुक्ति पाया जा सकता है।
क्या कर सकते हैं उपाय
चैत्र अमावस्या इस बार 31 मार्च को पड़ रही है। यह दोपहर में 12:22 पर शाुरू होगी और एक अप्रैल को सुबह 11:53 पर खत्म हो जाएगी। हालांकि हिंदू धर्म में सभी व्रत व त्योहार उदया तिथि पर होते हैं इसलिए अमावस को एक अप्रैल को माना जाएगा। यह सुबह साढ़े नौ बजे ब्रह्म योग है और इसके बाद इंद्रयोग है। इस दिन सुबह उठकर नदी में स्नान करें और दान करें। अगर घर में हैं तो स्नान करने के बाद दान कर सकते हैं। कुछ लोग पिंड दान करके ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं और कौवा और गाय के लिए भी हिस्सा निकालते हैं। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए चांदी के नाग और नागिन की पूजा करनी चाहिए और उसको नदी में बहा देना चाहिए। गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ज्योर्तिलिंग पर जाकर भी पूजा करना शुभ है।
GB Singh