18 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है. 25 मार्च तक मां के नौ स्वरूपों की भक्त पूजा करेंगे. कहा जाता है कि नवरात्रि के ये नौ दिनों अपनों भक्तों पर मां की विशेष कृपा होता है. नवरात्र का अर्थ होता हैं नौ रातों का समूह. इसमें हर एक दिन दुर्गा मां के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. मां के हर एक रूप का खास महत्व है और उनकी पूजा के लिए खास मंत्र का जाप किया जाता है.जानिये नवरात्रि में मां के किन नौ रूपों की पूजा की जाती है और उनका स्वरूप कैसा होता है. मां को उनके अलग-अलग स्वरूपों में किस खास मंत्र से उन्हें प्रसन्न किया जाए…
1. नवरात्र का पहला दिन: नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है. यह नव दुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं. पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में पुष्प कमल होता है. मां शैलपुत्री के इस मंत्र का करें जाप: वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशंस्विनिम।।