चाणक्य नीति से अपने बॉस को करें प्रसन्न: आसान है उन्नति

हम सभी को अपने क्रोध पर नियंत्रण करना चाहिए अगर हम अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं करेंगे तो फिर इसका दुष्प्रभाव होना निश्चित है।

कभी-कभी आपका क्रोध इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि आपका कैरियर भी बर्बाद हो जाता है या यूं कह कर जिंदगी बर्बाद हो जाती है थोड़ा क्रोध पर नियंत्रण करना सीखिए। जब भी आपको क्रोध की अनुभूति हुई आप क्रोधाग्नि में हो तो चाणक्य की कुछ नीतियां हैं जिन्हें अपने जीवन में लाने से आपको उसका फायदा भी मिलेगा और आपके क्रोध के वजह से जो बिगड़े काम है उस पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

क्रोध चाहे आप के बॉस पर आया हो या फिर घर के स्वामी पर आया हो दोनों ही तरफ से आप ही को नुकसान होना है।

चाणक्य श्लोक

चंद्रगुप्त मौर्य के बारे में आपने सुना होगा और चंद्रगुप्त मौर्य अपने गुरु चाणक्य की नीतियों पर ही चलते थे। चाणक्य उन्हें बताते थे कि कब आप को क्रोध करना है और आपको कब अपने क्रोध को नियंत्रण में रखना है इस सारी चीजों का ज्ञान चाणक्य चंद्रगुप्त को देते थे इसके साथ ही चाणक्य ने चंद्रगुप्त को प्रेम के अधीन आकर कमजोर हो जाओ तो क्या कुछ करना चाहिए इसके बारे में भी विधिवत तरीके से अपनी नीतियों में बताया जिसका फल आज हम इतिहास में पढ़ते हैं।

स्वामिनी कुपिते स्वामिन मेवानूवरतेत।।

इसका शाब्दिक अर्थ है कि जब स्वामी क्रोध में हो तो स्वामिनी को क्रोध में नहीं होना चाहिए।

चाणक्य की नीति के मुताबिक राजा को कभी अपनी प्रजा के प्रति क्रोधित नहीं होना चाहिए इससे अनुचित और हानि पहुंचाने वाला माना जाता है लेकिन जब कभी स्वामी जिसका अभिप्राय राजा से है अगर वह क्रोधित हो जाए तो सेवक को हमेशा नतमस्तक होकर अपनी बात को स्वीकार कर लेनी चाहिए इसका नतीजा हमेशा राजा अपने क्रोध को भूल कर आपको क्षमा करने के लिए तैयार रहता है। चाणक्य नीति में मां की ममता का जिक्र किया है और ने कहा एक ही मां की ममता इतनी ज्यादा प्रबल होती है कि मां के बच्चे भी बहुत अच्छे से समझ जाते हैं कि मां क्रोध में है या खुश है।

मां की ममता बड़ी प्रबल होती है जिससे बच्चे को भी पता चल जाता है कि मैं उन पर कब गुस्सा करने वाली है जिससे बच्चे पहले ही मां की मार से बचने के लिए मां के पास नतमस्तक हो जाते हैं। जिसे मां क्रोध करने के बजाय बच्चों को लाड लड़ाने लगती है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com