भगवान के योग निद्रा में जाने का समय हो गया है। 20 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो रहा है। कुछ दिनों के शुभ कार्यों की मोहलत देने के बाद आखिरकार चार महीने के लिए इन पर पाबंदी लगी रहेगी। भगवान 118 दिन योग निद्रा में होंगे। पंचांग के अनुसार अब कुल तीन महीने 26 दिनों के बाद ही भगवान योग निद्रा से उठेंगे उसके बाद शुभ मुहूर्त शुरू होगा। भगवान विष्णु के योग निद्रा में रहने के दौरान सभी मांगलिक कार्य निषेध रहेंगे और विवाह व गृह प्रवेश जैसे कार्य नहीं हो सकेंगे। आइए जानते हैं चातुर्मास में वर्जित और किए जाने वाले कार्यों के बारे में और इसकी विशेषता।
ये काम रहेंगे वर्जित, ये कर सकेंगे
ये काम रहेंगे वर्जित, ये कर सकेंगे
जानकारी के मुताबिक, 20 जुलाई से 14 नवंबर तक भगवान योग निद्रा में रहेंगे। इसे देवशयनी एकादशी से शुरू होने वाले चातुर्मास भी कहते हैं। इस दौरान न तो चार महीने शादी हो सकेगी और न ही रिश्ता जोड़ने संबंधी कोई अन्य कार्य। नए घर में प्रवेश भी इस दौरान नहीं कर सकेंगे। हालांकि आप निवेश, नौकरी, बिजनेस और खरीदारी कर सकते हैं इसके लिए कोई पाबंदी नहीं है। पिछले साल अधिमास होने के कारण 148 दिन भगवान विष्णु ने आराम किया था।
क्यों खास माना गया है आषाढ़
आषाढ़ का महीना हिंदूओं में खास माना गया है। इसके बाद सावन शुरू हो जाएगा। इसी माह में भगवान विष्णु के अलावा शिव और मां दुर्गा की भी पूजा होती है। चातुर्मास एकादशी से शुरू होती है जिसे देवशयनी एकादशी भी कहते हैं। यह कार्तिक शुल्क एकादशी तक चलेगा।
साल में चार बार आता है चातुर्मास
आपको पता होगा कि हिंदू धर्म में शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य हमेशा शुभ मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं। उसमें चातुर्मास को खासतौर पर देखा जाता है। चातुर्मास से पहले ही कुछ दिनों के लिए शुभ मुहूर्त विवाह के लिए निकलता है। साल में चार बार चातुर्मास होता है। एक आषाढ़ महीने में, दूसरा भाद्रपद में तीसरा आश्विन में और चौथा कार्तिक में। इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
-GB Singh