चीन लगातार भारत को उकसाने वाले कदम उठा रहा है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर जारी तनाव के बीच चीन ने फिर से ऐसा कुछ कर दिया है जिससे मामला बिगड़ सकता है। चीन ने बीजिंग विंटर ओलंपिक्स को राजनीतिक मंच का अखाड़ा बनाया हुआ है। चीनी सरकारी भोंपू अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी के रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ, जिसे भारत के साथ गलवान घाटी बॉर्डर की झड़प में बहादुरी से लड़ते हुए सिर में चोट लगी थी वह ओलंपिक मशाल रिले के दौरान मशालची के तौर पर दिखा है।
विंटर ओलंपिक्स को बनाया चीन ने राजनीति का अड्डा
एक ओर चीन ने लगातार कहा है कि बीजिंग विंटर ओलंपिक्स को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। अमेरिका सहित कई युरोपिटी देशों द्वारा ओलंपिक्स को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसका चीन विरोध कर रहा है। वहीं दूसरी ओर चीन ने खुद विंटर ओलंपिक्स को राजनीति का मैदान बनाया हुआ है और इसके जरिए अपना प्रोपगेंडा फैला रहा है।
दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव जारी
भारत और चीन के बीच लद्दाख सहित कई इलाकों में बॉर्डर विवाद को लेकर तनाव जारी है। दोनों पक्षों के बीच अब तक 14 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। हालांकि दोनों देशों ने आपस में मसला सुलझाने की बात कही है और किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध किया है।
बजट में चीन को लेकर विशेष फोकस
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 पेश करते हुए बॉर्डर के गांवों के लिए नए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) की घोषणा की है। इसे चीन के साथ बॉर्डर पर जारी तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि कम आबादी वाले बॉर्डर के गांव सीमित संपर्क और बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर अक्सर विकास से दूर रह जाते हैं। उत्तरी सीमा पर बसे ऐसे गांवों को नए वाइब्रेंट गांव कार्यक्रम के तहत कवर किया जाएगा चीन के हाल के सालों में बॉर्डर इलाकों में तेजी से गांव बसाए हैं। ऐसा करके चीन अपने दावों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में भारत सरकार का यह कदम चीन को जवाब देने के तौर पर देखा जा रहा है।