Real Time Protection फीचर जो कि पूरी तरह से फिशिंग के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए गूगल ने क्रोम यूजर्स के लिए पेश किया गया है। यह फीचर यूजर्स की सेफ ब्राउजिंग सुनिश्चित करेगा। मलेशियस वेबसाइट्स और प्राइवेसी के लिए यह फीचर काम करेगा। इससे यूजर्स की सिक्योरिटी 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। आइए जानते हैं इसके बारे में।
Google अपनी ब्राउजिंग सुविधा को लगातार सिक्योर बनाने के लिए काम कर रहा है। कंपनी ने अब यूजर्स की सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए सेफ्टी को और भी मजबूत करने की प्लानिंग कर ली है। दरअसल, अब क्रोम यूजर्स को रियल टाइम प्रोटेक्शन फीचर मिलेगा, जो फर्जी वेबसाइट्स और यूजर्स की प्राइवेसी के लिए काम करेगा। यहां इसी फीचर के बारे में बताने वाले हैं।
Chrome यूजर्स की बढ़ेगी सिक्योरिटी
रियल टाइम प्रोटेक्शन फीचर जो कि पूरी तरह से फिशिंग के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए गूगल ने Chrome यूजर्स के लिए पेश किया गया है। यह फीचर यूजर्स की सेफ ब्राउजिंग सुनिश्चित करेगा। मलेशियस वेबसाइट्स और प्राइवेसी के लिए यह फीचर काम करेगा। कहा गया है कि इससे यूजर्स की सिक्योरिटी 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
हाल ही में क्रोम यूजर्स के लिए स्टैंडर्ड सेफ ब्राउजिंग मोड भी पेश किया गया था, जो काफी हद तक यूजर्स की सिक्योरिटी सिक्योरिटी करता है और गूगल का नया फीचर साइट्स के URL और सर्वर साइट्स को लिस्ट करेगा। यह सुविधा यूजर्स को रियल टाइम में मिलेगी।
फीचर में AI भी होगा इंटीग्रेट
यूजर्स की सिक्योरिटी को प्रोटेक्ट करने के लिए गूगल ने फास्टली (कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क पार्टनर) के साथ भी पार्टनरशिप की है। ये दोनों मिलकर यूजर को किसी भी सर्वर पर भेजने से पहले URL और IP एड्रेस की जांच करेंगे। इससे क्रोम और सेफ ब्राउजिंग सर्वर के बीच सिक्योरिटी बढ़ेगी।
गूगल का रियल टाइम प्रोटेक्शन फीचर कई मामलों में क्रोम को सिक्योर ब्राउजर बनाएगा। बता दें क्रोम के इनहांस प्रोटेक्शन मोड में यूजर्स को एडिशनल सेफगार्ड्स, AI बेस्ड क्लासिफिकेशन मिलते हैं जो कि फेक और मलेशियल सर्वर से यूजर्स को सिक्योर रखते हैं।
कब होगा यूजर्स के लिए उपलब्ध?
यह सविधा इस महीने के अंत तक डेस्कटॉप, IOS और एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध करवा दी जाएगी।
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