दूसरे राहत पैकेज के ऐलान का दिया सुझाव
उन्होंने कहा कि कोविड 19 की दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है. निम्न वर्ग और छोटे एवं मध्यम कारोबारियों पर कोरोना की दूसरी लहर की सबसे ज्यादा मार पड़ी है. इसे देखते हुए कोटक ने एक और राहत पैकेज (Stimulus Package) पेश करने की सिफारिश की है. इसके साथ कोटक ने कहा कि यदि वैक्सीनेशन में तेजी आती है तो हम सितंबर अक्टूबर तक आर्थिक स्थिति सामान्य देख सकते हैं.
कोटक ने बुधवार को कहा कि सरकार छोटे कारोबारियों को बिना गारंटी के दिए जाने वाले कर्ज को क्रेडिट गारंटी योजना (Credit guarantee scheme) के तहत 3 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये करने पर विचार कर सकती है. पिछले साल केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ECLGS) की घोषणा की थी.
कोटक ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर का काफी प्रतिकूल असर पड़ा है और इसने अप्रैल और मई के दौरान विशेष कर पूरे देश को हिला कर रख दिया.
जीडीपी को लेकर कही ये बात
उन्होंने दूसरी लहर के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) पर प्रभाव को लेकर कहा, ‘शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि लहर का अर्थव्यवस्था और वृद्धि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है. लेकिन यह कहना सही होगा कि इसके कम होने की आशंका है. यह 10% से कम रह सकती है. हमें अभी स्थिति पर नजर रखनी होगी.’
सरकार, नियामकों, न्यायपालिका सभी को कोविड के बाद की चुनौतियों से निपटने के लिए अपने सोचने के तरीके को बदलना होगा. कोटक ने कहा कि मुद्रास्फीति एक ऐसी चीज है जिसे हमें ध्यान में रखने की जरूरत है, 2022 और 2023 को चुनौतियों के वर्षों के रूप में देखें.