लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि भले ही हिंदुवादी हो,पर वह अपने काम को लेकर हमेशा से बेहद ही गंभीर रहे हैं। काम के मामले में उनकी नज़र में सब बराबर हैं। यही वजह है कि असाध्य रोगों से कराहते लोगों और उनके परिजनों को मदद देने वाले मुख्यमंत्रियों में योगी आदित्यनाथ अव्वल साबित हुए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष से शुरुआती सवा साल के कार्यकाल में ही 15,716 लोगों को इलाज के लिए 223.31 करोड़ रुपए दिए हैं। इसी अनुपात में जोड़ें तो पांच साल के कार्यकाल में वह 62 हजार बीमारों को 900 करोड़ रुपए की मदद दे देंगे। उधर अखिलेश यादव ने पूरे कार्यकाल में कुल 42,508 बीमारों को इलाज के लिए 552.92 करोड़ रुपए दिए थे।
योगी और अखिलेश के अलावा कोई भी मुख्यमंत्री बीमारों की मदद में अरब के आंकड़े तक नहीं पहुंचा है। एक हिंदी अखबार के आरटीआई आवेदन के जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय के जनसूचना अधिकारी ने यह आंकड़े जारी किए हैं। आरटीआई में सन् 2000 से अब तक उप्र के मुख्यमंत्रियों द्वारा राहत कोष से गंभीर रोगियों को दी गई आर्थिक मदद का विवरण मांगा गया था।
योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 से 31 मई 2018 तक एक साल 72 दिन के कार्यकाल में 15,716 लोगों को 223.31 करोड़ रुपए की मदद दी। वहीं अखिलेश यादव ने 5 साल 4 दिन के कार्यकाल में 42508 बीमारों को इलाज के लिए राहत कोष से 552.92 करोड़ रुपए की मदद दी। मायावती ने 6 साल 60 दिन के दो कार्यकालों में 15,681 रोगियों को इलाज के लिए 62.91 करोड़ रुपए की मदद दी।
वहीं मुलायम सिंह यादव 29 अगस्त 2003 से 13 मई 2007 तक 3 साल 257 दिन के कार्यकाल में 5526 बीमारों को 28.21 करोड़ रुपए की मदद दी। वहीं राजनाथ सिंह 28 अक्टूबर 2000 से 8 मार्च 2002 तक 1 साल 131 दिन के कार्यकाल में 5659 लोगों को 5.51 करोड़ रुपए की मदद दी। मुख्यमंत्री अपने राहत कोष से किसी भी गंभीर रोगी को इलाज में मदद दे सकते हैं।
इसके लिए बीमार या उसके परिजनों को मुख्यमंत्री को इलाज के दस्तावेजों सहित आवेदन देना होता है। मुख्यमंत्री विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सा के लिए मदद देते हैं। यह मदद व्यक्ति के खाते में नहीं सीधे उपचार करने वाले सरकारी संस्थान के खाते में जाती है।
सांसद और विधायक भी अपनी विकास निधियों से असाध्य रोगों से पीडि़त लोगों को इलाज के लिए पैसे दे सकते हैं। बशर्ते बीमार गरीबी रेखा से नीचे हो। गरीबों को कैंसरए हृदय रोगए गुर्दा रोगएअस्थि रोग और थैलेसीमिया के इलाज में मदद मिल सकती है। यह चिकित्सा सहायता भी सीधे अस्पताल के खाते में ही जाती है। सभार- हिंदुस्तान